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[७०४]
चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
- रता।
संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण ३१०६ दीपिका तैलम् वर्ण पीड़ा। ४१२७ पिप्पल्याचं तैलम् दारुण कर्ण शूलको ३१११ देवदादि , ,
तुरन्त नष्ट करता ३३०८ धुस्तूर , कर्ण नाडी । ३५०० नागरादि , कर्ण पीड़ा, वधि- ४६८९ बाधिर्यनाशक , बधिरता ।
| ४६९२ बिल्व " " ३५११ निर्गुण्डी , पूतिकर्ण रोग। ४६९३ ,
, कफवातज ३५१४ निर्गुण्ड्यादि , कर्णपीड़ा, कर्णस्राव, |
कर्ण रोग। कर्णनाद, बधिरता,
कृमि । ३५१८ निशाई , कर्णनाड़ी।
मिश्र-प्रकरणम् ४११० पञ्चवल्कल , कानोका बन्द होना, ४७६६ बस्तमूत्रयोगः तीव्र कर्णशूल, ककर्णपाक।
र्णस्राव, कर्णनाद । -> u
(१४) कासाधिकारः कषाय-प्रकरणम्
२९६९ दुःस्पर्शादिचूर्णम् वातजखांसी ३२३७ धवादि काथः क्षतज कास। । २९७० देवदादि , हर प्रकारकी खांसी । ३७०९ पञ्चमूल्यादि क्षीरम् खांसी । | २९७२ , , प्रवृद्ध कफज खांसी। ३८२९ पिप्पल्यादि कल्कः कफज खांसी,
२९८५ द्राक्षादि , पित्तज खांसी। ३८६२ पुष्करादि काथः कफ प्रधान खांसी, २९८६ द्राक्षादि , तमक श्वास, खांसी।
स्वास, हृद्रोग। | २९९८ द्विक्षारादि , हर प्रकारकी खांसी। ४५४८ बलादि कल्कः पित्तकफज खांसी। ३८९८ पथ्यादि , कफज खांसी। ४५५२ , काथः पिसज खांसी।
३९१० पमबीज-योगः पित्तज खांसी। ४५६३ बिभीतक पुटपाकः खांसी ३९१३ पलाशफलाद , रात्रिमें कष्ट देनेवा४७८९ भार्यादि काथः खांसी, श्वास ।
ली खांसी ।
३९१८ पाठादि चूर्णम् कफज खांसी । चूर्ण-प्रकरणम्
३९४५ पिप्पल्यादि , पित्तज , २९६८ दुरालभाषं चूर्णम् वातज खांसी।। ३९९२ पिप्पल्याचं चूर्णम् खांसी ।
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