SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 545
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [५५०] भारत-भैषज्य-रत्नाकरः । [बकारादि अथ बकारादिकषायप्रकरणम्। (४५४०) यकुलप्रयोगः रक्तातिसारके रोगीको दिनमें बेरीके पत्तोंका (वै. म. र. । पटल ६) | रस और रात्रिको सेठि तथा कदम्बकी छालका काथ बकुलजटाभवकल्कः पयसा पीत: प्रगे त्रिदिनम्। | पाना चाहिये । दृढतरमूलान् कुरुते दन्तान् वृद्धस्य किमुत इससे ३ दिनमें रक्तातिसार नष्ट हो जाता है। बालानाम् ॥ (४५४३) पदरीमूलकल्कः मौलसिरीकी जड़की छालको दूधके साश्च । (शा. ध. । खं. २ अ. ५; व. से. । अति.) पीसकर उसीमें मिलाकर ३ दिन तक प्रातःकाल | बदरीमूलकल्केन तिलफल्कश्च योजितः । सेवन करनेसे वृद्धोंके दांत भी दृढ़ हो जाते हैं। मधुक्षीरयुतः कुर्याद्रक्तातीसारनाशनम् ॥ (४५४१) बदरीपत्रयोगः बेरीकी जड़की छाल और तिलांको पीसकर दूधमें मिला लें और उसमें शहद डालकर रोगीको (वृ. मा. । स्वर.; यो. र. । स्वरभे.; यो. पिला दें। त. । त. ३१) इससे रक्तातिसार नष्ट होता है। बदरीपत्रकल्कं वा घृतभृष्टं ससैन्धवम् ।। । (४५४४) पन्नूलपल्लवयोगः स्वरोपघाते कासे च लेहमेनं प्रयोजयेत् ॥ (रा. मा. । राजयक्ष्मा.) ___ बेरीके पत्तोंको पीसकर घीमें भून लें और | बबूलपल्लवचयं सलिलेन सार्थउसमें सेंधानमक मिलाकर रोगीको चटावें। मापिष्य यः पिवति तस्य कुतोऽतिसारः। इससे स्वरभंग (गलाबैठना) और खांसीका कोकर ( बबूल ) के पत्तोंको पानीके साथ नाश होता है। पीसकर पीनेसे अतिसारका नाम भी नहीं रहता। (४५४२) यदरीपल्लवरसयोगः (४५४५) बन्यूलरसक्रिया (वै. म. र. । पटल ६) (व. से. । उदररो.) बदरीपल्लवरसं पिबेद्रक्तातिसारवान् । | बन्यूलस्य त्वचं श्रेष्ठां काथयेत्सलिलेन तु । शुण्ठीकदम्बत्वक्काथं पिबेद्रात्रौ दिनत्रयम् ॥ । पुनः पचेत्कषायन्तु यावत्सान्द्रत्वमागतम् ॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020116
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages773
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy