________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
[ ३९४]
भारत-भैषज्य रत्नाकरः।
[पकारादि
(४२०३) प्रपुन्नाटादिलेपः (१) सुप्ति ( स्पर्श ज्ञानका नाश ) और विवर्णता का
(र. का. घे. । अ. ४०) | नाश होता है। मपुभाटवरागुञ्जा शुष्कानं कल्कितम् स्थितम् । (४२०६) प्रपौण्डरीकादिलेपः (१) रवितोऽष्टदिनं गर्ने तल्लेपो दद्रुजित्परः॥
(ग. नि. । विसर्पा. ३९) पंवाड़के बीज, हर्र, बहेड़ा, आमला, चौटली | भप
| प्रपौण्डरीकोत्पलगैरिकञ्च और सूखा हुवा आम (अमचूर) समान भाग लेकर
मञ्जिष्ठयष्टीमधुकं विदारी। सबको पानीके साथ महीन पीसकर ताम्रके पात्रमें
द्वे चन्दने पद्मकपद्मपत्रं भरकर भूमिमें दबा दें; और आठ दिन पश्चात्
सौगन्धिकं स्यात्कुमुदं च तुल्यम् ॥ निकाल कर काममें लावें।
लेपः प्रशस्तः पयसा मुपिष्टः इसका लेप करनेसे दाद नष्ट हो जाता है।
कुमारकाणां सविसर्पकाणाम् ।।
पुण्डरिया, नीलोत्पल, गेरु, मजीठ, मुलैठी, (४२०४) प्रपुन्नाटादिलेपः (२)
| विदारीकन्द, लाल चन्दन, सफेद चन्दन, पनाक, (वं. से. । कुष्ठ.; वृ. नि. र. । त्वग्दोष.) कमल, तेजपात, लाल कमल और कुमुद । सब मपुन्नाटस्य बीजानि धात्रीसर्जरसस्नुही। । चीजें समान भाग लेकर सबको दूधके साथ पीससौवीरपिष्टं दद्रुणामेतदुद्वर्तनं परम् ॥ कर लेप करनेसे बच्चोंका विसर्प नष्ट होता है।
पवांडके बीज, आमला, राल और सेंड (४२०७) प्रपौण्डरीकादिलेपः (२) (सेहंड) का दूध समान भाग लेकर सबको . (यो. र.; ग. नि. । विसपो. ३९) कांजीके साथ पीसकर मलनेसे दाद नष्ट हो |
। प्रपौण्डरीकयष्टयाहदावर्वीरोधाब्दचन्दनैः । जाता है।
सितोपलैरकासत्तुमसूरीशीरपद्मकैः॥
लेपो रुग्दाहवीसस्फोटशोफनिवारणः॥ (४२०५) प्रपुन्नाटादिलेपः (३) ।
पुण्डरिया, मुलैठी, दारुहल्दी, लोध, नागर(वं से. । कुष्टा.)
मोथा, लालचन्दन, मिश्री, एरका (मोथी तृण ), प्रपुन्नाटार्कदुग्धाग्निदन्तीजन्तुघ्नसैन्धवैः। जौका सत्त, मसूर, खस और पद्माक को पीसकर गृहधमनिशायुग्मसिंहीफलयुतैः समैः॥ लेप करनेसे पीडा और दाह यक्त विसर्प. स्फोटक लेपः समस्तकुष्ठघ्नः सुप्तिवैवर्ण्यनाशनः॥ और शोथ नष्ट होता है।
पंवाड़के बीज, आकका दूध, चीता, दन्ती- (४२०८) प्रपौण्डरीकादिलेपः (३) मूल, बायबिडंग, सेंधानमक, घरका धुवां, हल्दी, (वं. से.; वृ. नि. र. । उपदंशा.) दारुहल्दी और कटेलीके फल समान भाग लेकर | प्रपौण्डरीकयष्टयाइसरलागुरुदारुभिः । सबको महीन पीसकर लेप करनेसे समस्त कुष्ट, | सरास्नाकुष्ठपृथ्वीकैर्वातिके लेपसेचने ॥
For Private And Personal Use Only