________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
[२२]
भारत-भैषज्य-रत्नाकरः।
[दकारादि
(२९२७) द्राक्षादिपाचनम्
| द्राक्षा च पिचुमन्दं च मधुकं तिक्तरोहिणी । (ग. नि. । पाण्डु.)
निशां कषायोऽध्युषितः पिसज्वरविनाशनः।। द्राक्षापटपान्याककैरातोशीरवालकैः।। दाख ( मुनक्का ), नीमकी छाल, मुलेठी और गुहनीकटकायुक्तैहारिद्रज्वरपाचनम् ॥ | कुटकी । इनका शीत कषाय पीनेसे पित्तज्वर शान्त
दाख (मुनक्का ), पित्तपापड़ा, धनिया, चि- | होता है। रायता, खस, सुगन्धबाला, गिलोय और कुटकी | ( हरेक ओषधि १ तोला, पानी २४ तोले। का काथ. हारिद्र ज्वर में दोषोंको पचाता है।। सबको रातभर भीगनेदें। सुबह मलकर छानलें । (२९२८) द्राक्षादिप्रयोगः
मात्रा १० तोले । ) (वैद्यामृत । वि. १५)
(२९३१) द्राक्षादिशोधनयोगः द्राक्षामृतानागरपुष्कराणां
(इं. मा.; ग. नि. । विस.) सग्रन्थिकानां कथितं सकृष्णम् ।
द्राक्षारग्वधकाश्मय त्रिफलाविड पीलुभिः । मदेषु मूर्छासहितं घृताढयं
त्रिदरीतकीभिश्च विसर्प शोधनं हितम् ॥ दुरालगायाः कथित भ्रमे च ॥
विसर्प रोगमेंदाख ( मुनक्का ), गिलोय, सोंठ, पोखरमूल, दाख (मुनक्का), अमलतास, खम्भारीकी और पीपलामूल के काथमें काली मिर्च का चूर्ण मि- छाल, त्रिफला, बायबिडंग, पीलु, निसोत और लाकर पिलानेसे मद जाता रहता है । तथा धमा- हर्रका काथ पिलाकर विरेचन कराना हितकर है। सेके काथमें घी मिलाकर पिलानेसे भ्रम और मूर्छा | (२९३२) द्राक्षाद्याश्च्योतनम् जाती रहती है।
(वं. से.; यो. र.; . मा.; ग. नि. । नेत्ररोग.) (२९२९) द्राक्षादियोगः
द्राक्षामधुकमञ्जिष्ठाजीवनीयैः शतं पयः । (वृ. नि. र. । अर्श.)
प्रातराश्च्योतनं पथ्यं शोथशूलाक्षिरोगनुत् ।। द्राक्षा हरिद्रा मधुकं मजिष्ठा नीलमुत्पलम् । दाख ( मुनक्का ), मुलैठी, मजीठ और जीवअजाक्षीरेण सम्पीतं रक्तजाओंविनाशनम् ॥ नीय गणकी ओषधियों से दूध पकाकर उससे
दाख (मुनक्का ), हल्दी, मुलैठी, मजीठ, और | प्रातःकाल आश्च्योतन करने से (आंखोंमें उसकी नीलकमल । सब चीजें समान भाग मिलाकर (१ बूंदें टपकानेसे ) आंखोंकी खडक सूजन आदि तोला) लें और पत्थर पर पीस कर बकरीके दूधमें | नष्ट होती है । मिलाकर पियें । इससे रक्तार्श नष्ट होती है। (सब ओषधियां समान भाग मिली हुई (२९३०) द्राक्षादिशीतकषायः ५ तोले, गोदुग्ध ४० तोले, पानी १६० तोले । (ग. नि. । ज्वरा.)
पानी जलने तक पकायें।)
१ मण्डेति पाठान्तरम् ।
For Private And Personal Use Only