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(३४२)
कितने ही विद्वानोंका मत है कि यदि ओषधिका परिमाण कुडवसे कम हो तो गीले द्रव्य द्विगुणमात्रामें नहीं लेने चाहिएं परन्तु
=
(३ रती +१० रत्ती =
३ माषक =
(४ भाषा =
२ शाण = २ क्षण ४ कर्ष
४ पल
४ कुडव
४ प्रस्थ
चरकीय मान.
१ वल्ल ) ...
१ भाषा...
ક
२ द्रोण
२
सूर्प
25
३२ १०० पल
=
४ यव ६ रत्ती
४ माषा
=
=
आढक =
T 11 11 13 #
=
=
=
शार्ङ्गधरोक्त मागधमान ८ सरसों
=
=
=
=
=
१ शाण... १ निष्क )
-
वर्तमान तोल तथा प्राचीन तोलकी परस्पर तुलना.
( अ )
क्षण...
१
१ कर्ष
१ पल
१ कुडव... १ प्रस्थ
१ आढक
१ द्रोण १ सूर्प
१ भार
१ वाह
१ तुला
१ यव...
१ रत्ती
१ माषक
१ शाण
१ कोल
१ कर्ष १ शुक्ति
१ पल...
...
१ प्रसृत
१ कुडव
408
...
***
...
30.
...
1
***
...
...
...
भारत-भय-रत्नाकर
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वर्तमान मान.
१ रती
रती
१ तोला २ तोला ४ तोला
८
...
३ माषा
६ माषे (तो.)
33
39
विद्वद्वर्य श्री कविराज गङ्गाधरजी कविरत्नके मतानुसार यह मत अनार्ष एवं युक्तिविरुद्ध तथा अमान्य है ।
३रती
१। भाषा
2011
$5
५ माषा
(ब)
116
39
१५
५
४ छटांक १ सेर
ક
१६
""
३२ सेर
53
तोले
""
१०२४ ६। सेर
""
"
日
=
39
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→
=
२ शाण
२ कोल २ कर्ष
२ शुक्ति
२ पल
२ प्रसृत
* १ सेर = ८० तोला.
...१६ + यद्यपि चरक और सुश्रुत में रसीका जिक्र नहीं है परन्तु सभी विद्वान इस विषयमें चरको भाषा १० हत्ती का भाषा है एवं विद्वद्वर्य चक्रपाणीने लिखा है कि तोलने पर वरको रती के बराबर सिद्ध होता है.
=
=
=
1
वर्तमान मान.
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१० रती
३० रती- पांच आनेभर
शार्ङ्गधरोक्त मान
दस आनेभर
१ तोला
१ छटांक
१ पावसेर ( ८० तोले )
२ कुडव = १ शराव
२ शराव = १ प्रस्थ
( २५ मन २४ सेर )
४ प्रस्थ = १ आढक
४ आढक = १ द्रोण २ द्रोण = १ सूर्प
= १ द्रोणी
= १ खारी
२ सूर्प ४ द्रोणी २००० पल = १ भार. १०० = १ तुला
वर्तमान मान.
३२ तोला
६४
""
३सेर १६ तोला
35
१२ सेर६४ तोला* २५ सेर ४८ ५१ सेर १६, २०४सेर ६४
१०० सेर
५ सेर
सहमत हैं कि भाषा १०