________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 9 शतके व्याख्याप्रातिः // 813 // उद्देशा५ 1 // है|उद्वर्ते छे. ए प्रमाणे यावद् वनस्पतिकायिको पण जाणवा. बाकीना बधा जीवो नैरयिकोनी पेठे सान्तर अने निरन्तर उद्वर्ते छे. पण विशेष ए छे के 'ज्योतिषिको अने वैमानिको च्यवे छ' एम पाठ कहेवो. ए प्रमाणे यावद् वैमानिको सान्तर अने निरन्तर च्यवे छे. हा संनो भंते ! नेरतिया उववखंति असतो भंते ! नेरइया उवदज्जंति ?, गंगेया ! संतो नेरइया उववजंति नो असंतो नेरइया उववज्जंति, एवं जाव वेमाणिया, संतो भंते ! नेरतिया उववदंति असंतो नेरइया उववदंति !, गंगेया! संतो नेरइया उववहति नो असंतो नेरइया उववहृति, एवं जाव वेमाणिया नवरं जोइसियवेमाणिएस चयंति भाणियध्वं / सओ भंते! नेरइया उववजंति असतो भंते! नेरइया उववनंति सतो असुरकुमारा उववनंति जाव सतो वेमाणिया उववजंति असतो वेमाणिया उववजंति मतो नेरतिया उववति असतो नेरइया उववहृति सतो असुरकुमारा उववदंति जाव सतो वेमाणिया चयंति असतो वेमाणिया चयंति ?, गंगेया! सतो नेरइया | उववज्जति नो असओ नेरइया उववजंति सओ असुरकुमारा उववज्जति नो असतो असुरकुमारा उववज्जति जाव सओ वेमाणिया उववज्जति नो असतो वेमाणिया उववज्जति सतो नेरतिया उववदृति नो असतो नेरइया उववदृति जाव सतो वेमाणिया चयंति नो असतो वेमाणिया०, से केण?ण भंते ! एवं वुच्चइ सतो नेरइया उव वहति नो असतो नेरइया उववज्जंति जाव सओ वेमाणिया चयंति नो असओ वेमाणिया चयंति, से नूर्ण भंते ! द गंगेया! पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं सासए लोए बुइए अणादीए अणवयग्गे जहा पंचमसए जाव जे लोकह से लोए, से तेणटेणं गंगेया! एवं बुच्चइ जाच सतो वेमाणिया चयंति नो असतो वेमाणिया चगति // ANANCIAAS For Private and Personal Use Only