________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याख्याप्राप्तिः // 8.0 // उद्देशान // 8 // एक शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकामां होय. ए प्रमाणे जेम रत्नप्रभापृथिवीनो बीजी पृथिवी साथे योग को तेम शर्कराप्रभा पृथिवीनो पण उपरनी बधी पृथिवीओ साथे योग करवो. ए प्रकारे एक एक पृथिवीनो उपरनी पृथिवीओ साथे योग करवो. यावद् अथवा संख्याता तमःप्रभामां अने संख्याता अधःसप्तम नरकमा पण होय. (ए प्रमाणे द्विकसयोगी विकल्पो थया.) 1 अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकाप्रभामां होय. 2 अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने संख्याता पंकप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने संख्याता अधःसप्तम पृथिवीमा होय. अथवा एक रत्नप्रभामां के शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकाप्रभामां होय. अथवा एक रत्नप्रभामां बे शर्कराप्रभामां अने संख्याता अधःसप्तमपृथिवीमां होय. अथवा एक रत्नप्रभामांत्रण शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकामभामां होय. ए प्रमाणे एक्रमथी एक एक नैरयिकनो संचार करवो. अथवा एक रत्नप्रभामां संख्याता शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकाप्रभामां होय. यावद् अथवा एक रत्नप्रभामा संख्याता वालुकाप्रभामां अने संख्याता अधःसक्षमपृथिवीमां होय. अथवा बे रत्नप्रभामां संख्याता शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकाप्रभामा होय. यावद् अथवा बे रत्नप्रभामा संख्याता शर्कराप्रभामां अने संख्याता अधःसप्तमपृथिवीमां होय. अथवा त्रण रत्नप्रभामां संख्याता शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकाप्रभामा होय. ए प्रमाणे ए क्रमथी रत्नप्रभामां एक एकनो संचार करवो. यावत् अथवा संख्याता रत्नप्रभामां संख्याता शर्कराप्रभामां अने संख्याता वालुकाप्रभामां होय. यावद् अथवा संख्याता रत्नप्रभामां संख्याता शर्कराप्रभामां अने संख्याता अधःसप्तमपृथिवीमां होय, अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने संख्याता पंकप्रभामां होय, यावद् अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने संख्याता अधःसप्तमपृथिवीमां होय. अथवा एक रत्नप्रभामां वे वालुकाप्रभामां For Private and Personal Use Only