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विषयाः
आमयानां द्वित्रिदोषगतत्वम्
रोगनिवृत्त्यर्थं दोषवचनस्यावश्यकता
दोषपचनकालः
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वातपित्तकफदोषाणामामयोत्पादकत्वम् तत्तद्भूताधिक्यजातरसादनस्य धातुपोषकत्वम्
बड़सानां तत्तद्गुणनिरूपणम्
रसेष्वेकैकस्यापि दोषनिवर्तकत्वम
रसादिद्रव्यसारस्य सर्वरोगनिवर्तकत्वम्
एकस्याप्यनेकरसवद्द्रव्यस्य बहुगुणप्रदत्वम् धारणरे चक्रात्मकद्रव्यैरामयाभिवृद्धिः
तत्तद्भूतानेष्ठरोगाणां तत्तद्भूतावयवाधिक्यजातकार्यहेतुत्वम् दोषविकाराणामवस्था भेदेन स्वस्थ्यादिनिरूपणम्
देह देशकालद्रव्यभेदेन चिकित्सा कार्या
एकधातुकज्वरलक्षणम्
आमजातज्वरलक्षणम्
दोषपचनकालस्य धातुप्रसादाधीनत्वम् साध्यासाध्य रोग निरूपण 1.
धातुसप्तकस्य दोष हेतुभूतत्वम्
रसासृग्गतज्वरलक्षणम्
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अस्थिमृदु कारकज्वरलक्षणम् दोषाणामस्थिम नामदेवष्ठितत्व :
पञ्चमः प्रश्नः.
दोषाणां चरमधातुप्रचारकत्वम्
दोषविपर्ययः
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सूत्रम् पुटम्
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