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अनुक्रमणिका ।
पर
विषय.
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१३७
विषय. कोष्ठवर्णन मध्यरोगमार्ग .... .... .... १२८ वायुके कर्म .... पित्तकर्म.... .... कफकर्म.... .... .... अभ्याससे कर्मसिद्धिवर्णन त्रिविधव्याधि त्रिविधव्याधिलक्षण व्याधिचिकित्सा .... .... दो प्रकारका व्याधि स्वतंत्रव्याधिका लक्षण परतंत्रव्याधिका लक्षण .... मलोंका त्रैविध्य .... .... परतंत्रमलोंका प्रशमोपाय .... सर्वविकारोंकी अवस्थिति वैद्यके अस्खलनोपाय .... .... निंद्यभिषक् .... .... .... विपर्ययसे मलशोधनकरनेसे देहनाश । वृद्धिक्षयभेदसे दोषविभाग .... १३२ वातादिदोषभेद ... दोषोंको रसभेदसे आनंत्य ७८ .... १३४
अथत्रयोदशोऽध्यायः १३ अथ दोषोपक्रमणीयाध्यायः बातोपक्रम पित्तोपक्रम कफोपक्रम संसर्गोपक्रम उपक्रमका काल .... तहां हेतु
दोषोंका कोष्ठसे शाखादिकोंमेंगतिप्रकार १३६ शाखादिकोंसे कोष्ठमें गतिप्रकार .... कोष्ठस्थदोषकर्म .... .... .... , दोषोंको स्थानांतरगतिसे रोगोत्पादनमें असामर्थ्य .... स्थानांतरगतदोषचिकित्सा .... चिकित्सोपदेश आगंतुदोषशमनकरना ..... तिर्यग्गतमलोंका निरसन .... आमसहितमलका लक्षण .... आमरसलक्षण .... .....
.... .... , आमसंभवमें दृष्टांत .... रोगोंको आमयोनित्य आमशोधन .... .... आमशोधनकाल .... .... संधिदोषविशोधन .... .... १३९ प्राप्तक्रियाकरण .... .... .... , भोजनव्यवस्था .... कंपादिकोंमें समुद्गप्रशस्त .... .... ऊर्ध्वजत्रुविकारोंमें स्वप्नकालमें औषध ,
अथचतुर्दशोऽध्यायः १४ अथ द्विविधोपक्रमणीयाध्यायः .... १४० उपक्रम दो प्रकारका ताके भेदवर्णन .... .... भेदनके भेद .... शोधनलक्षण .... शोधन पांच प्रकारका शमनलक्षण शमनभेद .... .... शोधनप्रकारवर्णन ....
.... .... १३५
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