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ऐकाहि +
वि० [सं० त्रि० ] एक खुरवाले पशु संबंधी । एक खुरवाले पशु का |
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ऐकाहिक - वि० [सं० त्रि० ] ( १ ) एक दिन में होने वाला । ( २ ) एक दिन छोड़कर होने वाला । वह जो एक दिन बीच में नागा देकर हो । एक बीच में छोड़कर दूसरा । अंतरा ।
संज्ञा पुं० [सं०] ऐकाहिक ज्वर । तरा
ज्वर ।
ऐकाहिक ज्वर - संज्ञा पु ं० [सं० पु० | वह ज्वर जो एक दिन नागा देकर श्राता है। अंतरा ज्वर । ऐक्टिन डैनी डाइको-टोमा -[ ले० _actinodaphne-dichotoma ] मयूरशिखा । मोर पंखी । दे० "मोरशिखा” । ऐक्टिनोडेफनी- हूकेराई - [ले० actinodaphne• hookeri, Meison.] पिस ( बम्ब० ब० ) ऐक्टिनोप्टेरिस डाइकोटामा - [ ले० actinopteris-dichotoma ] मोरशिखा । मयूरक | मोरपंखी | ऐक्ट-सीमोजी-रैडिक्स - लेoactaer-racemosae radix ] सीमीसीफ्युगा की जड़ । ऐक्टीया ऐक्युमिनेटा - [ ले• actæa-acuminata) पौधा विशेष |
ऐक्टीया - रै सीमोसा - [ ले ० mosa ] दे० "सीमीसीफ्युगा " ।
actæa-race
ऐ +टीयास्पिकेटा - [ ले० actaea-spicata ] पौधा विशेष ।
ऐक्टोल [ श्रंo actol ] एक प्रकार का सफेद रंग का चूर्ण, जिसकी सूचिकाकार बारीक कलमें होती हैं । वि० दे० "चाँदी" । ऐक्नीसिलस -[ श्रं० acne-bacillus ] यौवन
पड़ा की । मुँहासे के रोगाणु ।
ऐङ्ग ुलर लीह्वड फिजिक नट
जो उत्पन्न होने के उपरांत पिट्युट्री नामक ग्रंथि के खरड के अधिक कार्य करने से होता है । लक्षण - इस रोग में हाथ-पैर नीचे का जबड़ा और चेहरे की हड्डियाँ बड़ी होजाती हैं; पुरुषों में नपुसकता होती है और जियों के रजोदर्शन नहीं होता; मूत्र में द्राक्षौज ( ग्लुकोसाइड) आने लगती है और शरीर दुबला होता जाता है। (इ०
ऐक्नी - बैसिलस वैक्सीन -[श्रं० acne-bacillus - vaccine ] मु ंहासे का टीका । दे० | “मुँहासा” ।
ऐक्रीफ्लेविन - [ श्रं० acriflavine ] Trypa - flavine ] दे० " पिक्स कार्बोनिस प्रिपेरेटा" । ऐकोनीकिया -लारी फालिया - [ ले० acronychia
श० र० ।
ऐरिक - [ श्रं० agaric ] दे० "श्रगारिक” । ऐवी - [ ० agave] दे० "अगेवि" ।
ऐग्मेल - [ ० xgm3l] मेक्सिकन श्रोवी ( mexi can-agve or magney ) का सांद्रीकृत स्वरस, जिसे चिरकारी ब्राइट नामक व्याधि में 1⁄2ों की मात्रा में प्रयोगित करते हैं । मेक्सिको में इसका निषुत स्वरस ( Fermentedsap ) मद्य विशेष ( Beer ) की प्रतिनिधि स्वरूप स्वच्छन्दतया व्यवहार में आता है । ऐग्यु - [ श्रं० ague ] दे० "मैलेरिया” ।
- मिक्सचर - [oague-mixture ] मैलेरिया में प्रयुक इस नाम का एक डाक्टरी योग जो यह है-कीनीनी सल्फ ५ ग्रेन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड २० बू ंद, फेरीसल्फ १ ग्र ेन, मैगसल्फ १ ड्राम और परिस्त्रत जल श्रावश्यकतानुसार। प्रथम कोनीनी सल्फ और एसिड को द्रवीभूत कर पुनः फेरीसल्फ मिलाएँ । यह एक मात्रा औषध है । इसे मलेरिया ज्वर के प्रारम्भ में देने से ज्वर श्रानो रुक
ऐग्युरन - [ श्रंo agurin ] एक प्रकार का श्वेताभ
स्फटिक जो जल में अत्यन्त विलेय होता है । इसे सोडियो-सोडिक ऐसीटेट (sodio-sodic-acetate ) भी कहते हैं । दे० थियोप्रोमीन" । ऐङ्गाल-काश-संज्ञा पु ं० [सं० पु० ] कार्बन द्वयोषित् ( Carbondioxide. ) ।
ऐन
द-संज्ञा पु ं० [सं० नी० ] इङ्ग ुदीफल | हिंगोट का फल | गोंदनी का फल । श्रम० । भैष० । संज्ञा पु ं० [सं० पु ं०] इङ्ग ुदी वृक्ष | हिंगोट
वृक्ष ।
laurifolia, Blume. ] अर्केद (सिं० ) ।
ऐको मिली - [ श्रंo acromegly ] एक रोग | ऐङ्ग लर-लीहड- फिजिक-नट - [ श्रं०. angular