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________________ कसीसून - - २३५८ कसेर सोंठ, तूतिया, सफेद सरसों, रसवत, सिन्दूर, | कसन-संज्ञा पु. [ देश० ] कंजी आँख का घोड़ा। राल, लाल चंदन, अरिमेद, नीम की पत्ती, करंज, सुलेमानी घोड़ा । सारिवा, बच, मंजीठ, महुवा की छाल, जटामांसी, कसूम-संज्ञा पुं० [सं० कुसुम्भ ] कड़ । कुसुम । - सिरस की छाल, लोध, पद्माख, हड़, और प्रपु- | कसमर-संज्ञा पु० दे० "कुसुम"। बाट प्रत्येक एक एक कर्ष लेकर चूर्ण करें पुनः | | कसमास-[यू०] दारचीनी । इसे ३० पल गाय के घी में अच्छी तरह मिला- | कर धूप में एक ताँबे के बर्तन में रखकर धरें। कसूर-[१०] (१] बाबूना । (२) पुदीना । पुनः सात दिन के पश्चात् इसका अभ्यंग करने | कसूर-सहती | मस्तगी । कुदह । से कुष्ठ, दद्रु, पामा, विचिर्चिका, रकदोष, विसर्प, कसूरमून-[यू०] रीठा । बंदन हिंदी । ' विस्फोटक, वातरक जनित शीतला, मस्तक की | कसूरयूकुन-[ यू० ] हशीशतुजुजाज । घाव, गर्मी, नासूर, शोथ, भगन्दर, लूता के विष| . और व्रण को दूर करता है। तथा यह प्रण कसरस-[ यू०] ईरसा। शोधक, रोपण और शरीर को स्वर्ण समान कसरु-संज्ञा पुं० दे. "कसेरू"। करता है । शा. ध० सं०। कसूल, कुसौल- १] एक फल । कसीसून-[ यू.] लावन । लोन कबीर । कसूल-संज्ञा पुं॰ [ देश० गोंडा ] धामन । फरसा । कसुद-संज्ञा पु. [ देश० ] सपता । बड़ा सलपन । एक फल जो अमलतास की फली की तरह एक कसुदा-संज्ञा पु. [ देश० ] कसौंदा । उँगली के बराबर लंबा होता है । यह रूम देश में पैदा होता है। कसुभा-संज्ञा पु० दे. "कुसुम्भ" । कसूनन-[रू.] लोबिया । कसुक्लाब-[अ० ] गागालस । कसूलून-[यू.] दारचीनी। कसुम-संज्ञा पुं॰ दे. "कुसुम"। कसूश-[ ] ख राख्खाश जुब्दी। कसुरी-संज्ञा स्त्री० [ देश० नेपा० ] ( Euony. mus Ting ns) Dog wood बार | कसूस-संज्ञा पुं॰ [फा० ] कशूस. । फली । सिखी । केसरी । पापर । कसूस-[ यू०] (1) फलीसूस । (२) विम्य । कसुवायी-गु०, मरा० । कसोंदा । कसूर्ग-संज्ञा स्त्री० [ देश नेपा० ] दे. "कसुरी"। कसुवु-से. ] [ बहु० कसुवुलु ] घास । तृण।। कसूस-संज्ञा पुं० [अ० कसूस ] प्रकाशबेल का बीज कसू, कसूय-[ सिरि०, यू० | अंग । उन्ध । ___यह प्रायः बिलायती अमरबेल से प्राप्त होता है। कसूकरातास-[ ? Jहज्र कन्ती । कसूदा-[ देश० ] कसौंदी का एक छोटा भेद । कसूचक-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] मण्डूक । दादुर । कसूबा-संज्ञा पुं॰ [सं० कुसुभ] कुसुम । बरें। भेक । मेढक । कसूचो- देश०, मरा० ] दे. "कसूबा" कसूतुल कलाब-[१०] शाहबानक । कसेरु-संज्ञा पुं॰ [सं० ०, स्त्री०] (1) पृष्टास्थि कसू द-[१०] मोटा गूमा । मरन फ्रः। मेरुदण्ड । रीढ़ की हड्डी। ( Back bone) रा०नि० २०१८ । (२) मुस्ता । मोथा । रा० कसूणस- सं० १] रेड । लु० क०। नि.व.६।(३) भद्रमुस्तक। भद्रमोथा। कसूबा-[ सिरि० ) जंगली बरै ।उ.. र । म | यथा-"कसेरुर्भद्रमुस्तके" । रा०नि० २०१५ बरी। (४) गुण्डकन्द । बुद्रमुस्ता । कसेरू । रा० नि. .कसूबुल-[१०] गन्ना । ईख । व०८ । भा० । वै० निध० । राज. । ब०, ० : कसूचूफमामरमर, वसूबूफ़सामोहून-[ ५० ]] क्र० । दे० "कसेरू" । (५) कुमुदकन्द । दारचीनी। .. संज्ञा पु० [पं०] वेला।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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