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________________ कर्कन्ध २२७२ झड़बेरी। शृगालकोली। शियाकूल (बं.)। कर्कर-[अ] बे आस्तीन को कमीज़ । वन्यान । सदरी, च० सू० ४ अ.। (Ziryphus jujuba) वास्कट । कर्कन्धु, कर्कन्धुक-संज्ञा पुं० [सं० वी० ] (1) ककर:-[१०] वह आवाज़ जो उदर में वायु की गति बेर का फल । बदरी फल । झड़बेरी । छोटा बेर । से पैदा होती है । श्रोदरीय शब्द । पेट को गुडगुछोटकूल (बं०)। डाहट की आवाज़ । Gurgling. गुण-मीठा, चिकना, भारी, पित्त तथा वात | कर्करट-संज्ञा पुं० [सं० पु.] एक प्रकारका पक्षी। नाशक और वातपित्त को दूर करनेवाला है। करकरा । करकटिया। मद० व०६ । दे० "बेर"। (२) बेल का फल। करदला-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] दग्धा । विल्वफल । वै० निघः । ककरा-संज्ञा पुं॰ [सं० स्त्री.] (१) एक प्रकार कर्कन्धुकी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] (१) एक ___ का बगुला । (२) शामी भाषा में जाफ़रान का नाम । प्रकार का बेर । मद०व०६। (२) छोटे बेर | का पेड़ । झड़बेरी, तुगबदरवृक्ष | छोटकूल-(बं०) . संज्ञा पुं० [अ० श्राकरकहीं ] अकरकरा । २०मा० । रा०नि० व. २३ । कर्कराङ्ग-संज्ञा पु० [सं० पु.] कालकंठ पक्षी । कन्धुकुण-संज्ञा पुं० [सं० पु.] बेर के पकने Cो श० मा० । खंजन । का काल । कर्कन्धु के पाक का समय । कर्कराटु. कर्कराटुक-संज्ञा पुं॰ [सं० पु०] (१) कर्कन्धुरोहित-संज्ञा स्त्री॰ [सं० स्त्री० ] झड़बेरी के | ___ कटाक्ष । तिरको नज़र । जटा०। (२) कर्करे? फल की तरह लालरंग । कर्कन्धुफल सदृश रक्क पती । करकरा । करकटिया । श० २० । वर्ण। ककरान्ध, कर्करान्धक-संज्ञा पु० [सं० पु.] अंधा ___ कूआँ । अन्धकूप। त्रिका० । कर्कन्धू-संज्ञा पु० दे० 'कर्कन्धू"। ककराल-संज्ञा पुं० [सं० पु.] चूर्णकुन्तल । बटा । कर्कफ-[अ०] (१) मदिरा । शराब । मै । (२) ____ छल्लेदार बाल | अलक । जुल्फ । घूगर । ___एक छोटा पक्षी । (३) कर्कब । ककराक्ष-संज्ञा पु० [सं० पु.] खंजन पक्षी । खंडिक्रमः-[अ० ] शीताधिक्य के कारण बहुत काँपना: | | रिच । खंडरिच । हारा० । fograr i Shivering कर्करिका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्री.] अाँख में किरकिरी कर्कफल-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] (१) ककरोल ।। पड़ना। किरकिराहट । आँख को खाज । चतु कर्कटवृक्ष । ककोड़ा । काँकरोल (बं०)।रा० | खजू । नि० व० ११ । (२) गांगेरुक । (३) कर्षफल । करिया- यू०] विषखपरा । हंदक़्क्को । क्षुद्रामलकी। ककरी, कर्करिका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] (1) क़र्कम, किळम-[अ० ] Gians Penis सुपारी। नाल युक्त एक प्रकार का जलपात्र । झारी । शिश्नमुण्ड । हश्ता । गड़ पा । श्रम । उणा। ककर-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.](१) कङ्कर । कंकड़ा ___ पर्या–पालु, गलन्तिका (अ.)। अलु । (२) मुद्गर । मुगदर । हथौड़ा। हारा०। (३) __ भारु (अ० टी०)। (२) एक प्रकार का बरकुरी हड्डी | तरुणास्थि । तन | चावल धोने का बरतन । (३)गलन्तिका । संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] (.) चूर्ण जनक झंझर । (४) दर्पण । मे. रत्रिक । पाषाणखंड। कुरंज पत्थर जिसके चूर्णकी सानबनती | कर्करु-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] पेठा । कुष्मांड । है । चूनेका पत्थर ।चूर्णखंड । (२) दर्पण |हारा० । ककरेटु-संज्ञा पुं० [सं० पु.] एक प्रकार का (३) तरुण पशु। हला. (४) नीलम का सारस । करकरा । करकटिया। करेटु पक्षी। एक भेद । (५) एक प्रकार का साँप । रत्ना०। वि० (१) कड़ा । करारा । (२) खुरखुरा। ककरोहन-संज्ञा पुं० [?] कुता। [फा०] (1) बाकला । (२) छोटा सनोवर। ककहन-संज्ञा पुं० [?] सुबुल की सो एक जद ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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