SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 517
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कंडार २२४६ (रुप्पु डामर - [ ता०] Shorea tumbugga - करुत्रेप चेट्टु -[ ते० ] सुरभिनिंष । ia, Roxb. काला डामर । करुप्पु नोच्चि - [ ता०] काला सम्हालू । करुप्पु - पिल्ली - [ ता० ] काला मध वृक्ष | : करुप्पुप्पु -[ ता० ] काला नमक । करुप्पु मरणत्तक कालि - [ ता०] काला मकोय | करुप्पु· मरुतमरम् [ ता० ] आसन वृक्ष । करुप्पूरम् - [ ता०] कपूर | कर्पूर । करुप्पोमर - [ ता० ] आसन । असन । पियासाल । hor - [ मरा०] लोबिया । बोड़ा । निष्पावी । करुबेल - स्त्री० [सं० कारुवेल ] इंद्रायण की बेल या लता । करुमकंद - [ ? ] सोनापाठा । श्योनाक । श्ररलू | करुमट्टन - [ मल० ] जंगली ककड़ी । करुमट्टन-वित्त- [ मल० ] जंगली ककड़ी का बीज । करुमरुत्त - [ मल० ] श्रासन वृक्ष । मुरकन मरम् - [ मल० ] फरहद । पारिभद्र । करुमुल्क - [ मल० ] कालीमिर्च | करुर - वि० [सं० कटु ] कड़ ुआ | तीखा । करुल-संज्ञा पुं० [देश० ] एक प्रकार की बढ़ी चिड़िया जो जल के किनारे रहती है और घोंघे श्रादि फोड़कर खाया करती है। छाती सफेद होती है । इसकी और नुकीली होती है । इसके डैने चोंच बहुत काले लंबी कवल - [ ता०] बबूल । कीकर | करुary - [ ता० ] लौंग | लवंग | करुवा - संज्ञा पु ं० दे० "करवा" । संज्ञा पु ं० दे० "कड़ श्र" संज्ञा पु ं० [ ता० ] दारचीनी से मिलता जुलता एक वृक्ष जो कनाड़ा में उत्पन्न होता है । फल दारचीनी से बड़ा होता है और काली दारचीनी कहलाता है । करुवा पपट्टे -[ ता० ] दारचीनी | दालचीनी | करुवाप्पू - [ ता० ] लौंग | लवंग | करुविलाई - [ ता० ] श्वेतापराजिता । करुवूमत्तई - [ ता० ] काला धतुरा । करवेप, करुप्पिलै - [ ता० ] सुरभिनिंग | कढ़ीनीम । मीठी नीम | बरसुगा । फा० ६२ कैरूरा करु-वेम्बु- [१] काला बबूल । काली कीकर । [ ता० ] सुरभिनिंब | कढ़ी नीम | करुवेल - [ ता० ] बबूल | कीकर | करुवेलकम् - [ मल० ] बबूल । कीकर । करु-वेलकम्-पश्-[ मल० ] बबूल की गोंद | करुवेलम्–-[ ता० ] बबूल । करुवेलम् - पिशित् - [ ता० ] वबूल की गोंद । करुवेलुम-[ मल० ] बबूल । करुषा - [ ता० ] दालचीनी । करुह - संज्ञा पुं० [सं० पु ं० ] केश । बाल । करुही - संज्ञा स्त्री० [देश० ] रामेठा । रमेठा । (Lasiosiphoneriocephalus, Dem ) रामी - मरा० । करू - वि० दे० "कड़ श्रा" । करूअनक़ सक़.ती .ई, क़रूक्क्रूममा -[ यू० ] ( १ ) मुरक्कम जून का नाम। (२) रोशन ज़ाफ़रान की तलछट | करूकर- [ वै० की ० ] ग्रीवा और कशेरुका की ग्रंथि | गर्दन और रीढ़ का जोड़ | क़रूतु -[ ? ] प्याज़ | करूतन - [ फ्रा० ] ( १ ) मकड़ी । (२) मकड़ी का जाला । रूता - [ ? ] मोम | क़रून- दे० "क्रुरून” । क़रूनतुफ़ों -[ १ ] (१) गन्ना । ईख । (२) फ्रानीज़ | करूद - [ फ्रा० ] मकड़ी के जाले का एक भेद । करू (रो) फ़ल - [ यू० ] कद्द ू कुरूफ़स - [ सिरि० ] दरूनज । करूफ़स - [ ? ] अखरोट । क्नरूफ़ा–[ यू० ] कद्द ू । 'करूम करून - [ रू० ] मलूखिया । क़रूर - [ अ० ] ( १ ) ठंढा पानी । ( २ ) मोती की सीपी । करूरा - [ सिरि० ] ( १ ) मोतियों की सोपी । (२) भूतांकस ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy