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________________ कमल २१६३ plant, including root, Stem and flowers of the lotus. नोट-मूल, नाल, पत्र और बीजादि संयुक्त, खिले हुए को पद्मिनी कहते हैं। कमल केसर पद्म केसरं, आपीतं, किञ्जल्कं, किङ्ग, मकरन्द, तुङ्ग, गौरं, काञ्चनकं, (ध० नि०), किञ्जल्कं, मकरन्दं, केसरं, पद्मकेसरं, किऑ. पीतं, परागं, तुङ्गं, चाम्पेयकं, (रा० नि०), किअल्कः (भा०) किञ्जलः (श० च०) पद्मकेसरं, (राज.) पद्मकिञ्जल्कः (वै० निध०), पद्मरजः, पद्मरेणुः, उत्पल केसरः, नलिनकेसर, काञ्चन, चाम्पेयः -सं० । केशर, कमल की केसर, कमल का जीरा -हिं० । पद्मकेसर -बं०। कमल का छत्ता कमल कर्णिका, पद्यबीजकोष, पद्मकर्णिका, | कमलगर्भ, पद्मकोष-सं० । कमल का छत्ता-हिं० । पझेर चाकि-बंग। The torus or receptacle for the seed. कमलगट्टा पद्मबीजं, पद्माक्षं, गालोड्यं, पद्मकर्कटी, भेडा, क्रौञ्चादनी, क्रौञ्चः, नापाकः, कन्दली, (ध० नि०) क्रौञ्चा, श्यामा, (रा० नि०), कमलाक्षः, कमलबीज, पद्मकर्कटः, मेण्डा,-सं० । कमलगट्टा, कमलका बीज, कमल अंडा, कँवलगट्टा, कमल ककड़ीहिं० । पद्मेर बीचि, पद्मबीज -बं० । पद्माक्ष -मरा०, कनाः । तामर विरै -ता० । तामर वित्तुलु, तामर काडा -ते. । तवैबीज -कना। कमल काकड़ी -गु० । कमलाक्ष -मरा०। बाक़लहे क़ब्ती, वाक़लहे नब्ती -अ० । पद्मनाल वा कमल की डंडी बिसं, मृणालं, विसिनी, मृणाली, मृणालिका, मृणालक, पद्मनालं, तण्डुलं, नलिनीरुहं, (ध० नि०) मृणालं, पद्मनालं मृणाली, मृणालिनी, बिसं, पद्मतन्तुः, विसिनी, नलिनीरुहं, (रा०नि०) पद्मनालं, मृणालं, बिसं, ( भा०) कमलदण्ड, विशं, विसं, कोरकं, कोमलं, कोमलकं, तन्तुरं, कमलनाल, कमलकोमलदण्ड -सं०। कमल की इंटी, कमलनाल, कमल की डंडी, कमल का । डंठल, -हिं० । पझेर डाँटा, पर डॉटी -०। कमल तंतु, कमला चा देठ -मरा० । तामर तुंड, तामर तोगे-ते। कमल दनूलु-कना०। कमल की जड़ पद्ममूलं, शालूकं, सकलं, करहाटकं, शालिनं, पद्मकन्दं, जलालूकं (ध० नि०) पद्मकन्दः, शालूक, पद्ममूलं, कटाह्वयं, शालीनं, जलालूकं, (रा०नि०) पद्मकन्दः, शालूकं, करहाटः,मृणालमूलं, भिस्साण्डं, जलालूकं (भा०) शालु, शालुकं, शालूकं, पंक शूरणं, शालूकः, गोपभद्रं, शालूरः, कमलकन्दः, उत्पलकन्द-सं०। कमल को जड़, कमलमूल, भिस्सा, भसोड़, भसिंड, भसीड़, भसींड़, भैपीडा, भिस्स, कंद भसोडा, भिसीड़ा, कॅचलकन्द, कँवल ककड़ी, मृणालमूल-हिं० । पद्मर गेंडो, शालूक-बं० जाजिकाय, तामर वेरुते । तामर वेर-ता०। __ नोट-पद्मादि के कंद को शालूक और करहाट तथा मृणालमूल को भिस्साण्ड और जलालूक कहते हैं। भिन्न भिन्न प्रकार के कमल के पर्याय सफेद कमल (पुष्प) पुण्डरीकं, श्वेतपद्म, सिताब्ज, श्वेतवारिज, हरिनेत्रं, शरत्पद्म, शारद, शंभुवल्लभं (ध०नि०) पुंडरीकं, श्वेतपत्रं, सिताब्जं, श्वेतवारिजं इत्यादि (रा०नि०) सितपद्म, धवल कमलं, सिताम्भोज शतपत्रं, महापद्म, सिताम्बूज,श्वेतकमलं, दृशोपमं, शुक्रपद्म, शरत्पद्म-सं० । सफेद कैवल,श्वेत कमल, सुफ़ेद कमल, सुफ़ेद के कँवल का फूल-हिं० । सुफ्रेद नीलोफर ? के फूल-द०। श्वेतपद्म-बं०। निलबियम् स्पेसिमोसम् Nelumbium Speciosum, Willd-ले। Flowers of the white variety of the Egyptian or Lotus Pythagonean Bean, Egyptian lotus लोटस-अं०। वेल्लै-तामर-पु-ता० । तेल्ल-तामर-पुन्बु, तेल तामर नालावा कालावा-ते०। पांढरे कमल-मरा। विलिय तावरे-कना। धोला कमल-गु०। बीजसुनेद कँवल के बीज, सुक्रेद नीलोफर ? के
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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