________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अवसादक
अवलेकिमः
(११)नाड्यावसादक (Nervine sedati- सियम् नाइट्रास, उन्नाव, वृहती, कंटकारी, कर्कटves.)। मुसकिनात अन साब-अ०। वे औषध जो __ शृगी, भूम्यामलकी, कचूर, कृत और त्रिदंग । वातवहानाड़ियों के क्षोभ को घटा कर उन्हें शांति अवसादन vsadana--हिं. संज्ञा पु० । प्रदान करें। वे निम्न हैं
अवसादनम् avasādanam-संकी पसिडम् हाइडोनोमिकम् , एक्का लारांसेरेसाई,
नीचा करना । विटाना । वैद्यक में व्रण चिकित्सा एमाइल वेलेरिएनास, एमोनियाई ब्रोमाइडम्,
का एक भेद । मरहम पट्टी । जिनमें कोमल एमोनियाई-वेलीरिएनास, ऐण्टिस्पैमीन, ऐण्टिमा- .
और उठा हुमा मांस हो उन व्रणों नियम् टार्टरेटम्, पररा । पेरेरा ), पाटालियाई ।
को पुति कासीमादि द्रव्यों के चूर्ण प्रोमाइडम्, टायोनाल, जेलसीमियम (पीत
को शहत में मिल कर लगाने श्रादि से अवसादन चमेली ), जिन्साई ब्रोमाइडम्, सोडियाई ब्रोमा
कर्म करना (अर्थात् उनका मांस नीचर करना) इडम्, सेलिक्स नाइग्रा, फाईसाष्टिग्मा, फ्रेनेजनम्,
चाहिए। यथा-- फेनेसेटीन, कोरेलोज़, कैम्फर ( कपूर ), कैम्फोरा "उत्सन्न मुदु मांसानां व्रगानामवसादनम् । मॉनो प्रोमेटा, गैलोब्रोमोल, लाइकार मैग्नीसि. कुर्याद्ययथोद्दिष्टश्चूर्णितेमधनासह ॥" याई ब्रोमाइडम्, लीथियाई ब्रोमाइडम्, लैक्टशु . सु. चि. १०। का, ल्युम्युलस, ल्युप्युलीन, मेन्थोन, बेलीरि. अवसादनी Tasadani-सं० स्त्री० महाकरज। एनेट, निकोली ब्रोमाइडम्, न्युरोनाल, बाइबर्नम्, (Pongamin glabd.) वेरोनाल, वेरेटम विरीडी ।
। अवसान avasana-हि. संज्ञा प [सं०] आयुर्वेदीय तथा यनानी अवसादक औषध- (1) मरण । ( २) सायंकाल । (३) समाप्ति अपामार्ग, बड़ी इलायची, दारुहरिद्रा,
अन्त । (४) सोमा । (२)विराम | ठहराव । अपराजिता, हरिद्रा, तुलसी, वनतुलसी, राम अवसितम् avasitam सं० क्ली
) तुलसी, चन्दन श्वेत, चन्दन रक, उशार, कमल, अवसित avasita-हि.वि. निलोफर, अनार, नीबू, शर्बती नीबू, अमरूद, (१) मर्दित धान्य । (२) परिपक्क । (३) मकोय, ग्वार की गुद्दी, सिरका, प्रामला, हरीतकी, समाप्त। गुलाबजल, बर्फ, शीतल जल, नासपाती, ककड़ी यसो avasi-हिं. संज्ञा स्त्री० [सं० श्रावसित, के बीज, कह के बीज, पालक के श्रीज, काह,
प्रा० श्रावसिन एका धान्य ] वह धान्य वा नारियल दरियाई, शेवाल, अहि फेन, यबरूज
शस्य जो कच्चा नवान आदि के लिए काटा ( बिलाडोना), सफेदा, बत्तख की चर्बी, कुक्कु- जाए । अवलो । श्रस्वन | गद्दर । टाण्ड श्वेतक (मुर्गी के अंडे की सुनेदी), ! कतीरा, निशासा, धतूरा, शूकरान, खानिकन्नम्र,
| अवसृष्ट Vasrishtaहिं० वि० [सं०]
[श्री. अवमाटा] (1) त्यागा हुआ [ स्थक । अजवाइन खुरासानी, अलमास, धनियाँ, कासनी, |
(२) निकाला हुा । (३) दिया हुआ । रसवत, बदरी (बेर), ईषद्गोल, टेसू के फूल, अक्राक्रिया बीत असबार, स्वुफ़ो, तम्बाकू, जबरजद, पालूबोखारा, रजत भस्म, प्रवाल भस्म वा ।
अवसेकः ava.sekah-सं० पु० रनमोक्षण, रक
विस्तारण, शोणित निकालना व्यधन, प्रस्ददेवर कच्चा, सीप भस्म, बिहीदाना, सुरुम नुब्बाजी, ख़ित्मी, पारद, श्वेत कुमारड (पेटा) काकः !
रक्र निकालना। (Venesection, phle bo
tony, Bloodletting.) नज, कुन्दुर, इस्वंद, बीख जर्ब, पित्तपापडा, | लवङ्ग, वत्सनाभ, गुडूची, मुलेडी, गम्भारी, ! अवसे किमः avase kimah-सं० पु० वटक, कपूरी (शारिवा ), श्यामलता, सुगंधयाला, पोटा बड़ा । (See-vatakah.) ० निध० ।
For Private and Personal Use Only