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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org अशोका धन गंधकाम्ल में यह घुल जाता है तथा घोल ! पीतवर्ण का होता है। अधिक जलमिश्रित पोटासघोल में यह लगभग अविलेय होता है । इसके विपरीत क्राइसोफेनिक एसिड घन गंधकाम्ज में घुल जाता है तथा अधिक जनमिश्रित पोटास घोल में भी घुल जाता है तथा घोल का रंग लाख हो जाता है। ५३ परीक्षा पत्रिका इसारोबीन को २००० भाग जल में उबाला जाए तो यह पूर्णतः नहीं घुलता और छाया हुआ पदार्थ सुखमायच धूसर वर्ण का स्वादरहित देवेपर ( म्युट्रल ) तथा लौहहरि से अरक्षित रहता है। क्राइसारोवीन १५० भाग उष्ण मद्यसार में पूर्णतः विलेय होता है । व्यापार-प्रसरोवा अधिक परिमाण में भारतवर्ष में श्राता है और क्राइसारोकीन, अरारोबीन तथा गोश्रा पाउडर नाम से विक्रीत होता हैं। मात्रा से 1⁄2 मैन (पां० वी० एम० ) । कार्य-स्वरोगों में कीटन ( Antiparasitic ) है। ऑफिशल योग (Official preparations. ) और निर्माण - क्राइसारोबीन प्रलेप । श्रङ्गुएटम् क्राइसrajन्धई ( Uuguontum Chrysarobini ) - ले० | क्राइसारीश्रीन इटमेण्ट ( Chrysarobin Ointm• ent ) - इं । मम क्राइसारोबीन ३० । निर्माण विधि-काईसा रोबीन २० ग्रेन, बेजोएटेड बाई या सॉफ्टपैराफीन ४५० ग्रेन । कार्ड को पिघलाकर उसमें काईसाबीन सम्मि जिस करलें । प्रभाव का उपयोग:-पाक वा विश्वर्षिका ( Psoriasis ) के लिए यह श्री कीटन या उतेजक प्रयोग है । * ऑफिशल योग और पेटेन्ट औषधे ( Not official preparations.) (१) मंत्र एण्टम् काईस रोबीनी कम्पोजिटम् (Unguentum Chrysarobini - उ० । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir compositum ) - ले० का ऑॉइंटमेंट ऑफ क्राईसी ( Compound ointment of Chrysarobin ) - ई० । मिश्रित काईसा रोबीन प्रलेप-हि० । मर्हम काईसाबीन सुरकान, सुरकय मईम काईसा को बीन ब निर्माण-विधि -- काईसाबीन भाग सैलीसिलिक एसिड २ भाग, इक्यिात १ भाग, वैशेज़ीन भाग सबको परस्पर योजित कर मरहम बनालें । उपयोग- - चम्बल का विचर्चिका ( Psori asis ) के लिए लाभप्रद हैं। :: (२) पिग्मेएरम् क्राईसाबीनी (Pigme. ntum Chrysarobini )-ले० । तिलाए काइसारोबीन फ़ा० निर्माण-विधि - कासारोबीन भाग, क्लोरोफॉर्म १० भाग, महापार्या दिवशू १ भाग दोनों को कोरोफॉर्स में हल कर ( इससे कपड़े पर चिह्न नहीं पड़ता ) । उपयोग माल ( Psoriasis) पर ब्र ुश के द्वारा १० दिवस पर्वत प्रतिदिन दो बार जमाते रहने से, बस कि उस जगह पर पानी न लगने पाए, रोग विशुद्धि हो जाती है। ( एक्सट्रा फार्माकोपिया ) (३) पिग्मेट कासावीबी पटाइरोगेलोल ( Pigmentum Chrysarobini et Pyrogallol)-ले० । विलापु क्राईसारोबीन व पांडुरोगेलो - निर्माण-विधि-- कोबीन १ भाग, पाइलोल 1 भाग, ईश्वर और कोरोफॉर्म में प्रत्येक १० भाग कोडीन १२० नाम प्रथम दो औषधों को ईथर और शोरोफॉर्म में घोलकर उसमें कोडीन सम्मिलित करें । For Private and Personal Use Only उपयोग - Psoriasis ) और द पर उसे धोकर प्रति सम इसे बगाने . से बहुत काम होता है। को पि) (*) सपोरिSu
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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