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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रसार करकमी अरारोबा नहीं होता । यह अमेरिका का तीवुर है। इसका | बाहयो नामक स्थान में उत्पन्न होती है। रंग देशी नीखुर के रंग से सफ़ेद होता है। इतिहास-पुर्तगाली भारत (गोपा) के टिपणी इसके अतिरिक्र कायुमा के | देशी ईमाई इसको एक प्रकार के स्वरोग में जिभे कतिपय अन्य भेदोंमे भी अरारूट प्रस्तुत होताहै। : मराठी भाषा में गजकरन कहते हैं, लगाया करते जिन्हें श्रराहट हिन्दी कहना अधिक उपयुक्र प्रतीत थे और उन प्रोषधि उनके गुप्त योगों में होताहै । संस्कृतमें उनको तबक्षीरम् और हिन्दी में | से श्री । अस्तु, सर्व प्रथम यह बम्बई में तोवर कहते है । विस्तार हेतु देखी--अवतारम् । १२)से ३०) प्रति टिन के भाव से जिसमें एक (Circuima Augustifolia). ! पौड ( अद्ध सेर) श्रोषधि होती थी, विक्रय हेतु प्रभाव तथा उपयोग--यह पोषणकर्ता और | अकस्मात् प्राया करती थी और दान चूर्ण स्नेहजनक है। इसको प्रायः दुग्ध में पकाकर । (Ringworm Powder ), 1791 T बालकों, निर्बल रोगियों, मुख्यतः अान्त्र वा मूत्र (GOL Powder), ब्राज़ील चूण ( Braसंस्थान विषयक रोगों के पश्चात् की निर्बलता zil Powder) प्रभृति नामों से विख्यात में दिया करते हैं। थी। माननीय डी० एस० कम्प महोदय ने सर्व प्रथम सन् १८६४ ई० में इसकी ओर ध्यान दी। पाक-विधि-पहिले शीतल जल से इसकी लेई सी बना लें। तदनन्तर उसमें खौलता हुश्रा तदनन्तर क्रमशः अन्य डॉक्टरों ने इस ओर ध्यान दिया । दुग्ध डाल कर उसका गाढ़ा सा लुश्राब बनाले । भारतवर्ष में इसके प्रथम प्रवेश की ठीक तिथि बाजार से जो अरारूट प्राप्त होता है उसमें प्रायः बालू के श्वेतसार का मिश्रण किया हुआ रहता अज्ञात है । नई दुनिया के अन्य पैदावारों के समान सम्भवतः १८ वीं शतादिद के पश्चातकाल में ईसाई यात्री इसे यहाँ ले पाए। केमा महापरीक्षा - सूक्ष्मदर्शक से इसकी भली भाँति शय में इसकी परीक्षाकी और वे इस परिणाम पर परीक्षा की जा सकती है। उसमें देखने से पाल पहुँचे कि इसमें माननीय पेलेोज़ (Polouze) के श्वेतसार के कण अरारूट श्वेतसारीय कण से तथा मी ( Fremy) वर्णित केला बीड बड़े दीख पड़ते हैं । ई० मे० मे०। म०प्र० (Orchella weed ) में होने वाले सत्व डॉ. । - के समान ही एक प्रकार का सत्व विद्यमान है। (२) अरारूर का श्राटा। ऐटील ( Attfield) ने सन् १८७५ भरारुट करकमी arārura-karkani-हिं० ई० में इसकी और सर्वांगपूर्ण परीक्षा की और स्रो० (Curcuma Arrowroot.) श्ररा- क्राइसारोबीन ( Chrysarobin) नामक रूट भेद देखो-अरारुट । पदार्थ जो उनकी कल्पना में मुख्यकर क्राइसो. अरारूट हिन्दो ārāta-hindi-हिं० स्त्रो० । फेनिक एसिड ( Chrysophanic Acid) ( Indian Arrowroot.) अरारूटभेद । था, पाया। उसी वर्ष ब्राज़ील डॉक्टर जे०एफ० देखो--प्रारूट । डा सिल्वा लाइमा ने सूचित की भारतवर्ष में जो भरारोया Araroba-ले०, ई० गोश्रा पाउडर पदार्थ गोपापाउडर के नाम से प्रख्यात है, (Goa Powder. ) अर्थात् गोश्रा चूर्ण, वह सम्भवतः ब्राजील देश निवासियों का अराऋड क्राइसारोबीन ( Crude Chrysaro रोबा या भरारीबा (धूसर दणं का चूण') ही .. bin.) अर्थात् अपूर्ण वा कच्चा क्राइसारोबीन ।। है जिसे पुर्तगाल निवासी उप्रान्त में होने . ऑफिशल Official. .. के कारख पॉडी बाहिया (Pode Bahia) ..: (N.O. Leguminose. ) या वाहिया पाउडर कहते थे । उक्र डॉक्टर महोउत्पत्ति-स्थान-यह भीषधि ब्राज़ील देश के दय मे यह भी बतलाया कि वह एक बबूर For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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