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ਕਦ ੴ
ਸੰਨ ਜੀ
शासकों के निरंकुश शासन से पीड़ित प्रजा को सुख, शान्ति बार सुरक्षा प्रदान करता था । प्राचीन हिन्दू आदर्शों से प्रेरित होकर अकबर भी • सम्पूर्ण देश को राजनैतिक दृष्टि से स्क सूत्र में बांधने और प्रजाजन को मुख • शांतिताथा सुरक्षा प्रदान करने की बोर प्रयत्न शील हुवा । इसके लिये उसने अनुभव कर लिया था कि जब तक विभिन्न मां, सम्प्रदायों और वगााँ के लोगों को स्क सूत्र में नहीं बांधा जायेगा, तब तक उसका राज्य इढ़ और स्थायी नही हो सकेगा । उसे राजपूतों व अन्य हिन्दुओं के सहयोग की आवश्यकता थी । इस लिये उसने राजपा से वाहिक सम्बन्ध स्थापित किये । “ सेना और शासन विभाग के बड़े बड़े पद तुकों के समान ही • हिन्दुओं को भी मिलने लगे । दरबार में हिन्दू • मुसलमान सब बराबर - बराबर दिखाई देने लगे ।" १५ अतएव अकबर को राजनैतिक महत्वाकांसााओं की पूर्ति के लिये ऐसी उदारता पूर्ण, गुण ग्राहक सहिष्णुनी वि अपनाने के लिये बाध्य होना पड़ा जिससे किसी धर्म या सम्प्रदाय को पेट न पहुंचे। ११. इबादत खाने में इस्लाम धर्म केकट्टर नेताओं और उल्माओं के पतित
चरित्र का नग्न प्रदर्शन बार अकबर पर उनका प्रभाव -
Rav५ में अकबर ने फतेहपुर सीकरी में स्क बहुत बढ़ियां मारत बनवाई और उसका नाम इबादत खाना अथवा पूजा पर रखा गया । मोहम्मद
सैन लिखते है कि यह वास्तव में वही कोरी थी, जिसमें शेख सलीम - चिश्ती के पुराने शिष्य वीर सक्त शैख अब्दुला नियाजी सरहिन्दी क्सिी समय स्वान्तवास किया करते थे । उसके वारी और बड़ी - बड़ी इमारते बनाकर उसे बढ़ाया ।" १६ प्रत्येक जुमा शुक्रवार की नमाज के उपरान्त शेख सलीम चिश्ती की सानकाह से बाकार इसी नई सानकात में दरबार सास होता था । बदानी लिखता है कि -" उसने ।( बकवर ) सन् १५७५ ६० में फतेहपुर सीकरी में निर्मित इबादत खाने में इस्लाम के प्रसिद्ध विद्वानों, १५. बरी दरबार हिन्दी अनुवादक : रामचन्द्र वा पल्ला भाग १०१२०॥ " अकबरी दरबार हिन्दी अनुवादक, रामचन्द्र वर्मा पहला माग पृ० ७.
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