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अग्रवाल जाति
सन् १९३१ की मर्दुमशुमारी में केवल पंजाब, राजपूताना, बङ्गाल और दिल्ली प्रान्तों में ही अग्रवालों की संख्या पृथक रूप से दी गई है । शेष सब प्रान्तों में उन्हें वैश्य ग्रुप में सम्मिलित कर दिया गया है । इसी कारण संयुक्त प्रान्त, मध्यप्रान्त और मध्यभारत में उनकी कुल संख्या कितनी है, इसके लिये मर्दुमशुमारी की पिछली रिपोर्टों से संख्यायें दी गई हैं । बम्बई, बिहार आदि अन्य प्रान्तों में मर्दुमशुमारी की किसी भी रिपोर्ट में उनकी संख्या पृथकरूप से नहीं दी गई। पर इन में भी बहुत से अग्रवाल बसते हैं । बम्बई, कराची, हैदराबाद आदि बड़े शहरों में अग्रवाल व्यापारियों की अच्छी आबादी है । व्यापार के लिये अग्रवाल लोग भारत के सभी प्रान्तों में बसे हुये हैं। गुजरात और बिहार में तो बहुत से अग्रवाल परिवार कई सदियों से रहते हैं । इस दशा में यदि अग्रवाल लोगों की कुल संख्या दस लाख के लगभग मान ली जाय, तो इसमें अशुद्धि की अधिक सम्भावना नहीं |
यद्यपि अग्रवाल लोग उत्तरी भारत के सभी प्रान्तों में रहते हैं, पर उनका असली निवास स्थान दिल्ली तथा उसके आसपास के जिले हैं । दिल्ली, पूर्वी पंजाब तथा पश्चिमी संयुक्त प्रात में उनकी आबादी सब से अधिक हैं। पंजाब की अम्बाला कमिश्नरी में अग्रवाल लोगों की संख्या कुल आबादी की ५|| फीसदी है । अम्बाला कमिश्नरी में भी हिसार जिले में अग्रवाल लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है । वहां वे कुल आबादी के ७ || फीसदी हैं । हिसार जिले में ही अगरोहा हैं, जहां से अग्रवालों का विकास हुआ। इस दशा में यदि हिसार जिले में उनकी आबादी सत्र से अधिक हो, तो आश्चर्य की कोई बात नहीं। रोहतक जिले में वे ६ ||
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