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आचा०
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शंका- अपका जीवनथी तेनुं लक्षण समजातुं नथी जेम पेशाच विगेरे द्रव्य छे तेम पाणी पण जाव है, आचार्य ते संबंधी दृष्टांत साथै समाधान-जेम हाथणीना पेटमा गर्भ उत्पन्न थवा साथे द्रव छतां ते चेतन के तेवीज रीते अवकायनुं पण सचेतन पथुं जाणबुं अथवा पक्षीना तुर्त उत्पन्न थयेला डंडामा ज्यांसुधी करण भाग चांच विगेरे बंधाया नथी त्यांसुधी घणुं पाणी होय छतां ते चेतन छे तेम अपकाय पण चेतन छे एम जाणवुं हाथणीनो गर्म तथा इंडानुं पाणी लेवानी | जरुर एटलीज के तेमां बधारे पाणी होवाथी सारी रीते दृष्टांत समजाय छे. तुर्त उत्पन्न थयेला एम कहेवाथी सात दिवस सुधी लेबुं त्यां सुधीज, कलल रहे छे पछी तो ते गर्भनो भाग कठण थइ जाय ले.
वे अपकायनी सचेतनता उपर अनुमान करे छे ते नीचे प्रमाणे.
शत्रथी न हणा होय त्यां सुधी द्रवषणुं छे तेटला माटे पाणी हाथणीना गर्भ कललनी माफक चेतन है. अहिं विशेषण लेवाथी मश्रवण विगेरेनो निषेध जाणो. तेज प्रमाणे बीजुं अनुमान प्रयोगथी बतावे छे.
इंडा रहेला कललनी माफक माणीतुं द्रवपणुं नाश नथी थयुं तेथी ते पाणी सचेतन छे तथा पाणी जीव शरीर छे. कारण के, छेदी शकाय छे, भेदी शकाय छे, उराडी शकाय छे, पी शकाय के, भोगवाय छे, सुंघाय छे, स्वाद लेवाय छे, स्पर्श कराय देखाय छे अने द्रव्यपणे छे. आ वधा शरीरना धर्मो पाणीमां के माटे ते चेतन के, (आ वो संबंध बतावीने पाणी ए जीवोनुं शरीर छे एम बताव्यु .) अने आकाश वर्जिने भूतोना जे धर्म ते रूप आकार विगेरे पण लेवा. सर्व जगाये आ दृष्टांत छे. सास्नाविशाण ना समूहनी माफक जाणवुं.
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सूत्रम् ॥ ११६ ॥