________________
312. ]
Supplement: The Svetämbara Narratives
(b ) non-metrical ( 12 )
Balāvabodha ( Vārtika ) on each of the following works:
V. S. 1770
20. अध्यात्म कल्पद्रुम
V. S. 1769
21. आनन्दघनचोबीसी
V. S. 1763
22. दीपोत्सवीकल्प
V. S. 1739
V. S. 1773
23. नवतत्व
24. पक्खियमुत्त
25. प्रश्नद्वात्रिंशिखा
26-28.
भासतिअ ( भाष्यत्रिक )
29. योगदृष्टिनी सज्झाय ( स्वाध्याय)
30. समणसुत
31. साडी व्रणसो गाथानुं स्वत्रन Subject.— Life of Sricandra. For contents see p. 426. Begins.fol. 1' ए५० ॥ श्रीपार्श्वनाथाय नमः श्रीगुरुभ्यो नमः
सुखकर साहिब सेवीर्ये श्री' संखेसर' पास जास सुजस जगि विस्तयों महिमानिधिआवास १
Ends.-180b
Jain Education International
V. S. 1743
वासवपूजितचरणकजरजपावितपीठ
परता पूरण परगडो एहवो अवर न दीठ २
संप्रति काले तीर्थ छइं जे महिमाभंडार
पाणए अतीत चउवीसीइं कहीउ तपति विस्तार ३ ॥ etc.
ནུ
ज्ञानविमल घरी नेह ए आनंदमंदिरगेह आ उद्यम आणी ए घर सुखहेतें कर्य जी २९ जी रे जी हो उद्यम ०
यतः काव्यं
एला यत्र दया क्षमा चलवली सत्यं लविंगं परं कीफलानि विदितश्चूर्णः स तत्वोदयः
arvi
1 This date and the rest given hereafter pertains to “ Bālāvabodha ".
2 For the vārtikas on the three Bhasas (Bhasyas) see Vol. XVII, pt. 4, Nos. 1229, 1267 and 1312.
423
For Private & Personal Use Only
JO
IS
20
25
www.jainelibrary.org