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Jaina Literature and Philosophy
[312.
(b) non-metrical (3) 2. प्रश्नव्याकरण-वृत्ति 3. श्रीपालचरित्र
V. S. 1745 4. संसारदावानलस्तुति-वृत्ति (B) Gujarati [ IS +12=27 ]
(a) metrical (15) 5. अशोकचन्द्र-रोहिणी-रास V. S. 1774
कल्पव्याख्यान 7. कल्याणमन्दिरस्त्रोत्रगीतसङ्ग्रह 8. गणधरस्तव-देववन्दन 9. चोवीसी 10. जम्बूरास
V. S. 1738 II. तीर्थमाला 12. दीपोत्सवी-देववन्दन 13. पन्दरतिथि-अमावास्या-स्तुतिसङ्ग्रह 14. बारव्रतग्रहण(टीप)रास
V. S. 1750 I5. मौनैकादशी-देववन्दन 16. रणसिंह-राजर्षि-रास 17. साधुवन्दना
V. S. 1728 18. 'स्तवनसङ्गह : शान्तिजिनस्तवन (V. S. 1736 ) etc. 19. 'स्वाध्यायसङ्गाह : अङ्गोपाङ्गस्वाध्याय, आठगुणस्वाध्याय, चरण
सप्तति-करणसप्तति-स्वाध्याय, दशविधयतिधर्मस्वाध्याय, नरभवसृष्टान्तस्वाध्याय ( earlier than V. S. 1734), पश्चनमस्कारस्याध्याय etc.
V. S. 1755
I A number of Gujarati stavanas, stutis, svādhyāyas ( sajjhayas ) and padas is published in "प्राचीन स्तवन रत्नसङ्ग्रह" ( pt. I). Here a life-sketch of the author is given.
2 A list of the published svadhyāyas is given in Jaina Gurjara Kavio (Vol. II, p. 335).
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