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दानाई
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हिं०, पानी हिं० ( पु० ) 1 अन्न-जल 2 खाना-पीना; ~बंदी (स्त्री०) खड़ी फ़सल की कूत; पानी उठना रोज़ी खत्म होना, जीविका न रहना; दाने-पानी को तरसना भूखों मरना; दाने-दाने को मुहताज अत्यंत निर्धन, कंगाल II फ़ा० (वि०) बुद्धिमान, अक्लमंद
दानाई-फ़ा० (स्त्री०) अक्लमंदी, बुद्धिमत्ता दानिन -सं० (स्त्री०) दान देनेवाली स्त्री
दानिश - फ़ा० (स्त्री०) 1 अक्ल, बुद्धि, विवेक 2 विद्या । ~मंद (वि०) अक्लवाला, बुद्धिमान मंदी (स्त्री०) बुद्धिमत्ता, विवेकता
दानी - I सं० (वि०) 1 दानशील 2 देनेवाला II (पु० ) 1 बहुत बड़ा दाता 2 कर वसूलनेवाला
दानेदार - फ़ा० (वि०) जो कण रूप में हो (जैसे-दानेदार घी, दानेदार चीनी)
दाप - (पु० ) 1 अभिमान, दर्प 2 बल, शक्ति 3 रोब, दबदबा 4 क्रोध, गुस्सा 5 जलन, ताप
दापक - (पु० ) 1 दबानेवाला 2 रोकनेवाला दापना - (स० क्रि० ) 1 दबाना 2 रोकना, मना करना दाब - (स्त्री०) 1 दबाव (जैसे- वाष्पदाब, वायुदाब ) 2 शासन 3 नियंत्रण (जैसे- किसी के दाब में रहना) 4 अधिकार, रोब (जैसे- दाब दिखाना) 5 भार वजन। ~दार + फ़ा० (वि०) 1 आतंकवाला 2 रोबदार, प्रभावशाली; मापक + सं० (पु० ) वायुदाब, वाष्पदाब आदि नापनेवाला यंत्र; दिखाना रोब जमाना, मानना 1 प्रभुता स्वीकार करना 2 वश में रहना
3 भय खाना
दाबना - (स० क्रि० ) 1 दबाना 2 गाड़ना
दाबा - (पु० ) वृक्ष की टहनी को मिट्टी में गाड़ना दाम - (पु० ) 1 मूल्य, क़ीमत (जैसे-क़लम का दाम पाँच रुपए है) 2 रुपया-पैसा 3 दमड़ी का तीसरा अंश 4 सिक्का दाम - स० ( पु० ) 1 रस्सी 2 माला, हार 3 लड़ी दाम - फ़ा० (पु० ) फंदा
दामक - ( पु० ) 1 गाड़ी के जुए में बाँधी जानेवाली रस्सी 2 बागडोर
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दामन - फा० (पु० ) 1 अँगरखे का नीचे लटकता हुआ भाग 2 पहाड़ के नीचे की ज़मीन गीर (वि०) 1 मदद चाहनेवाला 2 पल्ला पकड़नेवाला छुड़ाना संबंध तोड़ देना, अलग हो जाना; - पकड़ना आश्रय ग्रहण करना; ~फैलाना दया की भीख माँगना (जैसे माँ ने बच्चे के लिए अपना दामन फैलाया)
दामर - ( स्त्री०) 1 गाढ़ा तारकोल, डामर 2 छोटे कानवाली भेड़ दामरी - (स्त्री०) 1 रस्सी, रज्जु 2 छोटा जाल
दामाद - फ़ा० (पु० ) पुत्री का पति, दमाद, जँवाई दामादी - I फ़ा० (वि०) 1 दामाद का 2 दामादों की तरह का
II (स्त्री०) दामाद होने का भाव। मे लेना दामाद बनाना दामासाह - ( पु० ) वह दिवालिया जिसकी संपत्ति पावनेदारों में बँट जाय
दामासाही - (स्त्री०) 1 दिवालिये की संपत्ति का बँटवारा 2 बँटवारे में मिला अंश
दामिनी-सं० (स्त्री०) आकाश में चमकनेवाली बिजली, तड़ित दामी - I (स्त्री०) मालगुज़ारी कर II ( वि०) 1 अधिक दाम |
का (जैसे-दामी कपड़ा) 2 मूल्यवान्
दाय - I सं० (पु० ) 1 दान 2 देने योग्य धन 3 दायजा, दहेज़ 4 बँटवारे में मिला धन II (वि०) 1 दिए जाने योग्य 2 जिसे दिया जाना आवश्यक हो III (स्त्री०) दाई । ~भाग (पु० ) 1 पैतृक संपत्ति का उत्तराधिकारियों में बँटवारा 2 इस बँटवारे की व्यवस्था, दायाधिकार; भागी (पु० ) पैतृक संपत्ति का उत्तराधिकारी
दारु
दायक -सं० (वि०) देनेवाला (जैसे कष्ट दायक, सुख दायक) दायज़, दायज़ा - ( पु० ) दहेज़
दायम-अ० ( क्रि० वि०) हमेशा, सदा दायमी - अ० + फ़ा (वि०) चिरस्थायी, सार्वकालिक दायमुल्हब्स-अ० (पु०) आजीवन क़ैद की सज़ा दायर - अ० (वि०) 1 पेश किया गया (जैसे- मुक़दमा दायर करना) 2 प्रचलित
दायरा - अ० ( पु० ) 1 कार्य क्षेत्र 2 गोल घेरा, वृत्त दायाँ - (वि०) दाहिना
दाया - फ़ा० (स्त्री०) दाई । ~गिरी (स्त्री०) 1 दाई का काम 2 बच्चा जनाने की विद्या
दायागत - I सं० (वि० ) पैतृक संपत्ति में मिला हुआ II (पु० ) दायरूप मे प्राप्तं धन
दायाद - I सं० (वि०) दाय का अधिकारी II (पु० ) 1 दाय का अधिकारी व्यक्ति 2 सपिंड संबंधी 3 पुत्र, बेटा दायादा -सं० (स्त्री०) उत्तराधिकारिणी दायाद्य-सं० (पु० ) पैतृक संपत्ति, मौरूसी संपत्ति दायाधिकारी-सं० (पु० ) दायाद का अधिकारी, वारिस 2 कार्यभार
दायित-सं० (वि०) दिलाया हुआ
दायित्व - सं० (पु० ) 1 ज़िम्मेदारी 2 कार्यभार । पूर्ण (वि०) ज़िम्मेदारी से भरा हुआ, दायित्वयुक्त शून्य, हीन (वि०) ग़ैर जिम्मेदार
दायी -सं० (वि०) 1 देने वाला 2 जो जवाबदेही हो उत्तरदायी दायें - ( क्रि० वि०) दाहिनी तरफ़, दाहिने दार-सं० (स्त्री०) पत्नी, भार्या। कर्म (पु० ), क्रिया (स्त्री०) विवाह (जैसे-दार कर्म में भाग लेना. दार क्रिया संपन्न करवाना); परिग्रह (पु० ) पुरुष का शादी करना, पत्नी बनाना ~ संग्रह ( पु० ) पत्नी रूप में स्वीकार करना दारक-सं० (पु० ) 1 पुत्र 2 बालक 3 फाड़नेवाला दारचीनी - (स्त्री०) एक प्रकार का तज दारण-सं० (पु० ) 1 चीर-फाड़ 3 चीरने - फाड़ने का औज़ार
2 शल्य चिकित्सा
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दार ।
दार-मदार-फ़ा० (पु० ) 1 आश्रय, सहारा 2 ज़िम्मेदारी (जैसे- अब सारा दारमदार आप सँभालिए) दारा -सं० (स्त्री०) दारिका - सं० (स्त्री०) 1 कुँवारी लड़की, कुमारी 2 पुत्री, बेटी । सुंदरी (स्त्री०) असंभोगित वेश्या की कन्या दारित-सं० (वि०) फाड़ा हुआ दारिद्रय सं० (पु० ) दरिद्रता
दारी -सं० (स्त्री०) 1 दुश्चरित्रा स्त्री 2 दासी। जार (पु० ) दासी का पति (ग़ाली)
द्रारु - I सं० ( पु० ) 1 देवदारु 2 काष्ठ, काठ II ( वि० )