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दारुक
दानशील, दानी। ~कदली (स्त्री०) कठ केला, कर्म (पु० ) लकड़ी का काम; नारी (स्त्री०) कठपुतली; -पुत्रिका (स्त्री०) = दारुनारी; फल (पु० ) पिस्ता; ~ शिल्पकार ( पु० ) लकड़ी पर काम करनेवाला कारीगर; ~हलदी हिं० (स्त्री०) दवा के काम आनेवाली एक पीली लकड़ी
दारक - सं० ( पु० ) 1 देवदारु 2 कृष्ण का सारथि दारुण - I सं० (वि०) 1 कड़ा, कठोर 2 निर्दय (जैसे- दारुण दिल) 3 उम्र 4 तीव्र 5 भयानक 6 घोर II (पु० ) साहि०
भयानक रस
दारुण्य-सं० ( पु० ) 1 विकटता 2 प्रचंडता दारुमय-सं० (वि०) 1 काठ का 2 काठ का बना दारुलशफ़ा - अ० ( पु० ) 1 चिकित्सालय 2 आरोग्यशाला दारुलहुकूमत, दारुस्सलतनत-अ० (पु०) राजधानी दारू -फ़ा० (स्त्री०) 1 शराब 2 उपचार, चिकित्सा (जैसे- दवा-दारू करना) 3 दवा, अषध । ~कार ( पु० ) दारू बनानेवाला; ~खोर (पु०) दारू पीनेवाला; खोरी (स्त्री०) शराब पीना; दरमान (पु० ) उपचार, इलाज; ~बंदी (स्त्री०) शराब बंद करना
+
दारूड़ा-फा० हिं० बो० (पु० ) शराब, मद्य दारोगा - फ़ा० ( पु० ) 1 थानेदार 2 निगरानी करनेवाला 3 हिफ़ाज़त करनेवाला। चुंगी हिं० ( पु० ) चुंगी निरीक्षक जेल अं० (पु०) जेल की निगरानी करनेवाला, जेलर, सफ़ाई + अ + फा० (पु०) सफ़ाई निरीक्षक दारोग़ाई-फ़ा० + हिं० (स्त्री०) 1 दारोगा का काम 2 दारोगा का
पद
दारोमदार - फ़ा० ( पु० ) = दार-मदार
दार्शनिक - I सं० (वि०) दर्शन शास्त्र संबंधी (जैसे- दार्शनिक सिद्धांत) II (पु० ) दर्शन शास्त्र का ज्ञाता
दाल - (स्त्री०) 1 दली हुई अरहर, मूँग, उरद आदि के दाने
2 इनका पका कर तैयार किया गया नया पदार्थ (जैसे-दाल से रोटी खाना) । चपाती (स्त्री०) दाल-रोटी; दलिया
(पु० ) रूखा-सूखा भोजन; --भात (पु०) दाल-चावल आदि, साधारण भोजन मोठ (स्त्री०) नमक-मिर्च मिलाकर तली हुई दाल (जैसे-चाय-दालमोट लेना); रोटी (स्त्री०) 1 साधारण भोजन 2 जीविका; - गलना युक्ति सफल होना; में काला होना कोई दोष छिपा होना; ~ रोटी चलना गुजर-बसर होना, निर्वाह होना दालचीनी - (स्त्री०) = एक मसाला
दालान - फा० (पु०) बरामदा
दालिम - (पु० ) दाड़िम, अनार दावँ - (पु० )
=
दाँव
दाव-सं० (पु० ) 1 जंगल, वन 2 जंगल में लगी आग, दावाग्नि 3 आग, अग्नि 4 जलन, ताप 5 पीड़ा, क्लेश दाव - (पु० ) = दाँव
दावत - अ० (स्त्री०) 1 निमंत्रण, बुलावा 2 भोज 3 भोज का निमंत्रण (जैसे- दावत देना) । नामा फ़ा० (पु० ) निमंत्रण पत्र
दावन - ( पु० ) 1 हँसिया 2 खुखड़ी
दावनी - (स्त्री०) माथे पर पहनने का झालरदार लंबोतरा गहना
दाहना
दावा- अ० (पु० ) 1 अधिकार, हक़ 2 न्याय हेतु न्यायालय में दिया गया प्रार्थना पत्र (जैसे-दावा करना) 3 आत्मविश्वास (जैसे-दावे के साथ कहना) 4 दीवानी अदालत का अभियोग, नालिश 5 फ़ौजदारी अदालत में पेश किया गया अभियोग (जैसे- मान-हानि का दावा करना) 6 गर्वोक्ति (जैसे - यह मेरा दावा है कि मैं जीत जाऊँगा) । ~गीर + फ़ा०, दार + फ़ा० ( पु० ) 1 दावा करनेवाला 2 हक़ जतानेवाला दावाग्नि-सं० (स्त्री०) जंगल में लगी आग, दावानल दावात - अ० (स्त्री० ) = दवात दावानल - सं० ( पु०) दावाग्नि दावेदार - अ० + फ़ा० (पु० ) दाशमिक-सं० (वि०) 1 दशम दाश-सं० (पु० ) धीवर दाशेय-सं० (पु०) धीवर पुत्र
= दावादार
संबंधी 2 दशमलव संबंधी
दाश्त - I फ़ा० (स्त्री०) 1 अपने पास रखना (जैसे-याद-दाश्त ) 2 परवरिश, भरण-पोषण II (वि०) अपने पास रखा हुआ दाश्ता - फ़ा० (स्त्री०) रखैल
दास - सं० (पु० ) 1 गुलाम (जैसे- दास प्रथा का अंत ) 2 नौकर, सेवक 3 जो वश में हो (जैसे-इंद्रियों का दास, परिस्थितियों का दास) । ~ता (स्त्री०) 1 गुलामी 2 दास का काम न + हिं० (पु०) सेवाकार्य; प्रथा ( स्त्री० ) दासत्व-प्रथा; ~ प्रधान (वि०) जिसमें गुलामों का महत्त्व हो; ~वृति (स्त्री०) नौकर का धंधा, सेवाकार्य; ~ व्यवस्था (स्त्री०) दासत्व प्रथा; व्यापार (पु०) गुलामों को ख़रीदना और बेचना ~ व्यापारी (पु० ) गुलामों को खरीदने एवं बेचनेवाला
दासत्व-सं० (पु० ) = दासता । ~ प्रथा ( स्त्री०) गुलाम परंपरा
दासा - I (पु० ) 1 दीवार से सटाकर उठाया हुआ पुश्ता 2 दीवार से सटाकर उठाया गया चबूतरा II बो० (पु० ) हँसिया दासानुदास - सं० (पु०) दास का भी दास दासिका, दासी-सं० (स्त्री०) 1 दास वर्ग की स्त्री 2 लौंडी, टहलनी 3 मज़दूरनी । पन हिं० (पु० ) = दीसत्व दासीत्व - सं० (पु० ) दासी होने का भाव दासेरक-सं० ( पु० ) दासी पुत्र
दास्तान - फ़ा० (स्त्री०) 1 कहानी, कथा 2 बहुत विस्तृत वर्णन दास्य - सं० ( पु० ) दासता, दासत्व (जैसे- दास्य भाव ) दाह-सं० (पु० ) 1 जलाना 2 शव जलाने का काम (जैसे- दाह - कर्म) 3 जलन, ताप 4 शोक, दुःख 5 ईर्ष्या से उत्पन्न जलन । ~कर्म (पु० ) 1 शव जलाने का काम 2 दाह संस्कार; ~ क्रिया (स्त्री०) मुर्दा जलाने का काम; गृह (पु० ) विद्युत द्वारा शव जलाने का कमरा; ज्वर (पु० ) जलन के साथ बुखार; -संस्कार ( पु० ) मुर्दा जलाने का
+
संस्कार सर ( पु०) मरघट, श्मशान दाहक - I सं०
(वि०) 1 जलानेवाला 2 दाह कर्म करनेवाला II (पु० ) आग, अग्नि । ता ( स्त्री०) जलाने का गुण दाहन सं० ( पु० ) 1 जलाना 2 भस्म करना
दाहना - 1 (स० क्रि०) जलाना, भस्म करना 2 नष्ट करना 3 कष्ट
देना, संतप्त करना
दाहना, दाहिन - II बोल (वि०) दाहिना