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शूदवर्गः ..] मणिप्रभाव्याख्यासहितः ।
१ मारावी स्यादेषणिका २ शाणस्तु निकषः कषः। ३ प्रधना 'पत्रपरशुरीषिका तूलिका समे ।। ३२ ॥ ५ तेजसावर्तनी मूषा ६ भस्ना चर्मप्रसेविका। ७ माफोटनी वेधनिका ८ कृपाणी कर्तरी समे ॥३३॥ ६ वृक्षादनी वृक्षभेदी १० टङ्कः पाषाणदारणः । ११ ककचोऽस्त्री करपत्रम्
। नाराची, एषणिका (. सी), 'सोना-चाँदी तोलनेवाले काँटे' के नाम हैं। रशाणः, निकष, कषः (३ पु), 'कलौटी या सान' के ३ नाम हैं।
वश्वनः ( + वृश्चनः ), पत्रमशः (१ पु), 'सोना-चाँदी मादि काटनेकी छेनी आदि हथियार के २ नाम है ॥
४ ईषिका (+ एषिका, इषिका, इपीका ), तूलिका (+ तुलिः । २ सो), 'कैंची, चित्रमें रंग भरनेकी कलम' के २ नाम हैं ___ ५ तेजसावर्तनी ( + आवर्तनी ), मूषा (+ मूषी, मुषा, मुषी । र सो), 'सोना-चाँदी गलानेकी धरिया (मिट्टी पात्र-विशेष) के नाम है ॥
६ भस्वा, चर्मप्रसेविका (+ धर्मप्रसेवकः पु । २ स्त्री), भाथी' के १ नाम ॥
७ आस्फोटनी ( + लास्फोटनी); वेधनिका ( + वे बनी। एसी), 'मोती मणि आदि छेदनेवाली धर्मी' के २ नाम हैं ।
८ कृपाणी, कर्तरी ( २ स्त्री ), 'सांना चाँदी आदि काटनेवाली कैंची' के नाम हैं।
९ वृक्षादनी (बी), वृक्षभेवी ( = वृक्षभेदिन पु), 'काष्ठ काटनेवाले वसूला, बटाली आदि हथियार के २ नाम हैं ।
१० रङ्कः ( +तङ्कः । पुन ), पाषाण दारणः ( + पाषाणदारकः । पु), 'पाषाण तोड़नेवाले टांकी, छेनी, धन प्रादि हथियार के २ नाम हैं ।
"कच: (पुन), करपत्रम् (न), 'लकड़ी चीरनेवाले आरा, शाह या आरी आदि हथियार के २ नाम हैं ।
१. 'पत्रपरशुरेषिका' इति गठान्तरम् ।। २. 'लास्फोटनी' इति मुकुरः इति मा० दी० ॥ ३. 'पाषाणदारकः' इति पाठान्तरम् ॥
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