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चस्त्रियवर्गः ] मणिप्रभाव्याख्यासहितः । २७
-१ विषाक्त दिग्धलिप्तको। २ तूणोपासातूणीर-निषमा इषुधियोः ॥८८॥
तूण्यां ३मझेतु निस्त्रिंशबन्द्रहासासिरिष्टयः। कौशेयको मण्डलामः 'करवालः कृपाणवत् ।। ८९॥ ४ त्सा महादिमुथै स्याद् ५ मेखलातन्निवन्धनम् । ५ फलकोऽस्त्री फलं चर्म ७ संग्राहो मुष्टिरस्य यः ॥१०॥ ८ द्रुघणो मुद्रघनौ ९ 'स्यादीली करवालिका ।
विषाक दिग्धा, लिप्तका (३ त्रि), 'विषमें बुझाये हुए बाणके ३ नाम हैं।
२ तूणः, उपासना, तूणीर, निषाः (३ पु), इषुधिः (पु सो), तूणी (बी), 'तरकस' अर्थात् 'चमड़े भादिके बने हुएधनुषधारियों के पीठपर बधि. जानेवाले, बाण रखनेके थैले' के ६ नाम हैं।
४ खगः, निविंशः, चन्द्रहासा, असिः, रिष्टिः ( +ऋष्टिः), कौश्यकः, मण्डलामः, करवाल: (+ करपालः), कृपाण: (९), 'तलवार' के ९ नाम है।
४ सरु (पु), 'तलवार आदिकी मुठ' का १ नाम है ।।
५ मेखला (स्त्री), 'तलवारको लटकानेके लिये चमड़े आदिको बनी हुई कमरमें कसी जानेवाली पेटी, लड़ाई में तलवार हाथसे छूट न जाय इस वास्ते कलाई पर बाँधे हुए चमड़े आदि या तलवार के म्यान' का नाम है ॥
६ फलक: (पु न), फलम् , चर्म (= चर्मन् । २ न), 'ढाल' के २ नाम हैं। संग्राहः (पु) 'ढालकी मूठ' का १ नाम है ॥ ८ द्रुधणः ( + द्रुधनः), मुद्गरः, घनः (३ पु), 'मुद्गर' के ३ नाम है।
९ ईली (+ इलिः, ईलिः, इली ), करपालिका (+ करपालिका । १ स्त्री), एक तरफ धारवाली छोटी तलवार या गुप्ती' के २ नाम हैं।
१. 'करपालः' इति पाठान्तरम् ।। २. 'स्यादिलिः करवालिका' इति करपालिका' इति च पाठान्तरे ॥
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