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२१२ अमरकोषः ।
[ द्वितीयकाण्डे१ तद्ग्रन्थी घुटिके गुल्फो २ पुमान्पाणिस्तयोरथः । ३ जङ्घा तु प्रसृता ४ जानूरुपर्वाऽष्ठीवदस्त्रियाम् ।। ७२ ॥ ५ सक्थि क्लीबे पुमानूरु ६ स्तत्मन्धिः पुंसि वक्षणः । ७ गुदं स्वपानं पायुर्ना ८ वस्ति भेरधो द्वयोः ॥ ७३ ।। ९ कटी मा श्रोणिफलक १० कोटः श्रोणिः ककुभती। ११ पश्चानितम्बः स्त्रीकट्याः १२ क्लीवे तु जधनं पुरः ।। ७४ ।। १३ कूपको तु नितम्बस्थौ द्वयहीने कुकुन्दरे ।
, घुटिका (स्त्री), गुरुफः (पु), 'पैरकी घुट्टी' के २ नाम हैं ॥ २ पाणिः (पु), 'पैरकी घुट्टीके नीचेवाले हिस्से' का १ नाम है ॥ ३ जङ्घा, प्रसृता (२ स्त्री), 'जंघा' के २ नाम हैं ॥
४ जानु, ऊरुपर्वा (= उरुपर्वन् । २ न), अष्ठीवत् (पु न । भा० दी. मतसे ३ पु न ), 'घुटना, ठेहुन' के ३ नाम हैं ।
५ सविथ ( = सक्थिन् न ), ऊरुः (पु), 'घुटनेके ऊपरवालो हिस्से' के २ नाम हैं।
६ वङ्खणः (पु), 'घुटना तथा उसके ऊपरके जोड़' का १ नाम है ॥
७ गुदम् , अपानम् (२ न), पायुः (पु), 'पाखानाके रास्ता' के २ नाम हैं॥
८ वस्तिः (पु स्त्री) 'मूत्राशय' का । नाम है ॥
९ कटः (पु), श्रोणिफलकम् ( न, मा. दी०), कमरके दोनों बगल' के २ नाम हैं ॥
१. कटिः (+ कटी), श्रोणि: (+ श्रोणी ), ककुद्मती ( ३ स्त्री), 'कमर' के ३ नाम हैं। ( 'अन्याचार्यों मतसे 'कटः,.......५ नाम 'कमर' के हैं')॥
११ निलम्यः (पु) स्त्रियों के चूतड़' का । नाम है ॥ १२ जघाम ( न ), 'स्त्रियोंकी जंघा' का १ नाम है ॥
१३ + कूपकः (पु), कुकुन्दरम् ( + ककुन्दरम् । न) 'चूतड़पर पृष्ठ-वंशके नीचेवाले गः' के १ नाम हैं ।
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