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अमरकोषः ।
[प्रथमकाण्डे१ नियामकाः पोतवाहाः २ कृपको गुणवृक्षकः ॥ १२॥ ३ नौकादण्डः क्षेपणी स्यादरित्रं केनिपातकः । ५ अम्रिः स्त्री काष्ठकुदालः ६ सेकपात्रं तु सेचनम् ।। १३ ।। ७ "यानपात्रं तु पोतोऽधिभवे त्रिषु समुद्रियम् (५६) ९ सामुद्रिको मनुष्यो१०ऽधिजाता सामुद्रिका व नौः' (५७)
१ नियामकः, पोतवाहः (२), 'मगर, मछली आदि दुष्ट जलजन्तुओंसे जहाजकी रक्षाके लिये जहाजके ऊँचे हिस्सेपर बैठनेवाले' के २ नाम हैं । ('समुद्रगामी बड़े-बड़े जहाजों में ऐसे लोग रहते हैं, जिन्हें "जहाजका कप्तान' कहते हैं')॥
२ कूपकः, गुणवृक्षकः (२ पु), 'मस्तूल' के २ नाम हैं । ('पाल या गोंद बांधने के लिए जहाज या नावके बीच में खड़े किये हुए खम्भेको 'मस्तूल' कहते हैं। किसी २ के मतसे 'नावको बाँधनेवाले खूटे'के ये २ नाम हैं। )॥
३ नौकादण्डः (पु), क्षेपणी (स्त्री। + क्षेपणिः, क्षिपणिः, क्षिपा), 'डांडे' के २ नाम हैं।
४ अरित्रम्, केनिपातकः (२ पु), 'पतवार के २ नाम हैं ॥
५ अनिः (स्त्री। + अभ्री), काष्ठकुहालः (पु। + काष्ठकूदालः), 'जहाज आदिके कतवार आदिको हटाने के लिये काष्ठके बनाये कुदाल' के २ नाम हैं।
६ सेकपात्रम्, सेचनम् (२ न), 'नाव, जहाज इत्यादिमें एकत्रित हुए पानीको फेंकने के लिये चमड़ा आदिके थैले या मशक' के नाम हैं। उपलक्षणतया 'पानी भरनेवाले मशकमात्र के भी ये २ नाम हैं ॥
७ [ पोतः (पु), 'जहाज' का नाम है ] ॥ ८ [ समुद्रियम् (त्रि ), 'समुद्र में होनेवाले पदार्थ' का १ नाम है ] ॥ ९ [ सामुद्रिका (पु), 'समुद्रके मनुष्य' का १ नाम है ॥
१. [ सामुद्रिका (स्त्री। + ममुद्रिका ), 'समुद्र में जानेवाली नाव' का नाम है।
१. यानपात्रं..."च नौः' इत्येषोंऽशः क्षी० स्वा० व्याख्यानुरोधेनात्र मूले एवोपन्यस्तः। तत्र....."मनुष्योऽधिजातादौ नौः समुद्रिका' इति पाठान्तरम् ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only
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