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घटीयंत्रन्यायः
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चद्रप्रभ
घटीयंत्रन्यायः जुओ प० ६३२ घटोत्कच पुं० जुओ पृ० ६०६ घट्टकुटी स्त्रो० जकातनुं नाकुं घट्टकुटीप्रभातन्यायः जुओ प० ६३२ घनीभू १ प० गाढुं बनवं; ऊंडु बनवू घनोरू स्त्री० घन साथळवाळी स्त्री घंटाकर्ण पुं० शिव, स्कंद के कुबेरनो गण (चैत्र महिनामां पूजन थाय छे) (२) एक राक्षस घंटाल पुं० हाथी
घातस्थान न० वधस्थान (ज्यां कतल
कराय) घांटिक पुं० घंट बगाडनारो घुणक्षत वि० कीडाए कोरी खाधेलं घुणाक्षरन्यायः जुओ पृ० ६३२ घूत्कार पुं० 'घू' 'धू' एवो अवाज घृताची वि० घी भरेलु (२) पाणीवाळं (३) चमकतुं (४) स्त्री० रात्री (५) सरस्वती (६) स्वर्गनी एक अप्सरा घृताचिस् पुं० भभूकतो अग्नि
चकोरवत न० चंद्रनां किरणोनुं पान करवानी चकोर पक्षीनी टेव चकोराय आ० चकोर पक्षीनी जेम वर्तवं चक्रतुंड पुं० एक जातनी माछली चक्रभ्रांति स्त्री० पैडान गोळाकार फरवं ते
यंत्र चक्राश्मन न० पथ्थरोने दूर नाखवानुं चक्रीकृ ८ उ० वर्तुल बनावq ; धनुष्यनी
जेम गोळ वाळवू चक्रीवत् पुं० गधेडो करनारं चक्षुर्हन वि० मात्र दृष्टिपातथी ज नाश चटकामख पं० चकलीना मख जेवा। अग्रभागवाळं एक प्रकार- बाण चटुलय प० आम तेम हलाव। चटुलाय आ० मनोहर गति के चाल
वाळू होवू चतुरशीति स्त्री० चोर्याशी चतुर्दशन् वि० चौद चतुर्मुख वि० चार मुखवाळू (२) पुं० ब्रह्मा (३) न० चार मों (४) चार द्वारवाळू घर [जोड्या होय तेवू चतुर्युज वि० जेने चार (घोडा वगेरे)
चतुश्चत्वारिंशत् स्त्री० चुंमालीस चतुश्चित्य पुं० चोतरो- ओटलो चतुष्पष्टि स्त्री० चोसठ चतुस्त्रिशत् स्त्री० चोत्रीश चतुस्सप्तति स्त्री० चुंमोतेर चतुःपंचाशत् स्त्री० चोपन चपलाजन पुं० चंचळ स्त्री चरणपतित वि० पगे पडेलं चर्चर न० दांतनो कचकचाटभर्यो __ अवाज ; दांत पीसवानो अवाज चर्मण्वती स्त्री० जुओ पृ० ६०६ चर्मावकर्तृ पुं० मोची [करेली चांच चंचुपुट चंचपुट पुं०, न० पक्षीनी बंध चंडि स्त्री० दुर्गा; पार्वती [स्त्री चंडी स्त्री० क्रोधी स्त्री ; उग्र कोपवाळी चंडीश पुं० शंकर चंडीशमंडन न० कालकूट विष (ए झेर शंकरे कंठे धारण कयु होवाथी) चंडीश्वर पुं० शंकर चंदनपंक पुं० चंदननो लेप चंद्रकेतु पुं० जुओ पृ० ६०६ चंद्रप्रभ न० जुओ पृ० ६०६
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