________________
चंद्रभागा ६८५
जडयति चंद्रभागा स्त्री० जुओ पृ० ६०६ चित्ररथ पुं० जुओ पृ०६०७ चंद्रवती स्त्री० जुओ प०६०६ चित्रलेख वि० रम्य रेखाओवाळु ; ऊंची चंद्रशिला स्त्री० चंद्रकांत मणि
कमानोवाळू चंद्रहास पुं० जुओ पृ० ६०६
चित्रशिखंडिन पुं० साप्त ऋषिओनं चंपा स्त्री० जुओ प० ६०६
उपनाम (मरीचि, अंगिरस, अत्रि, चाटुशत न० सेंकडो प्रिय वाक्य ; घणी पुलस्त्य, पुलह, ऋतु अने वसिष्ठ) ज खुशामद
चित्रारंभ पुं० चित्रनी रूपरेखा चाणक्य पुं० जुओ पृ० ६०६
चित्रापितारंभ वि० चित्रमा चीतरेलं चाणूर पुं० जुओ पृ० ६०७
चित्रांगद पुं० जुओ पृ० ६०७ चातुर्होत्र न० चार पुरोहितोनो समुदाय चित्रांगदा स्त्री० जुओ पृ० ६०७ चामरग्राहिणी स्त्री० राजाना मस्तक चित्रीयते आ० (आश्चर्य पमाडवू; उपर चामर ढोळनार स्त्री
आश्चर्यनो विषय बनवू - थर्बु) चारित्रदेवता स्त्री० पवित्रतानी देवी चिपिटघ्राण, चिपिटनासिक वि० चपटा चारी स्त्री० भ्रमण
नाकवाळं
[करवी चार्वाक पुं० जुओ पृ० ६०७
चिरायति ५० विलंब करवो; ढील चांदनिक वि० चंदनथी करेल शोभा- चीनवासस् न० रेशमी वस्त्र वाळु; चंदनरसथी महे कतुं
चीरक पुं० एक मोटु पक्षी [तम९ चित्तनाथ पुं० हृदयनो देव; स्वामी चोरि स्त्री० नेत्र ढांकवान वस्त्र (२) चित्तयोनि पुं० कामदेव
चुचुक वि० बोलवामां तोतडातुं चित्तरक्षिन् वि० बीजानुं मन राखवा चूतयष्टि पुं० आंबानी डाळ तेनी इच्छा प्रमाणे वर्तनाएं
चेदयः पुं० ब० व० जुओ पृ० ६०७ चित्रकट पुं० जुओ पृ० ६०७ चेर पुं० जुओ पृ० ६०७ चित्रकृत्य न० चित्रकाम
चोलाः पुं० ब० व० जुओ प० ६०७ चित्रभाष्य न० कूटनीतिपूर्ण वाणी चौरापराधान्मांडव्यनिग्रहन्यायः जुओ चित्रयोधिन् वि० आश्चर्यकारक युद्ध १० ६३२ करनारु (२) पु० अर्जुन
चौर्यरत न० गुप्त मैथुन
छत्रीक-नो छत्रीनी जेम उपयोग करवो छनच्छन् अ० (पाणीनां टीपां पडवानो) छमछम अवाज थाय तेम
छलयति प० (छेतरवं; ठगएँ) छंबंकारम् अ० निष्फळ थाय तेम
जगत्स्वामित्व न० आखा जगत उपर
चक्रवर्तीपणं जज पुं० सैनिक; योद्धो जटायु, जटायुस् पुं० जुओ पृ० ६०७
जटिलय जटा गूथवी; कलगीवाळं
करवू; भरी काढवू जठरज्वलन न० क्षुधा; भूख जडयति प० (जड बनावी देवें)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org