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स्तन्य
५७१ स्तन्य न० माता, दूध; दूध
करवो ते (५)टेको (६) थांभलो (७) स्तन्यत्याग पुं० दूध धावता बंध थर्बु ते जडता; मूर्खता स्तबक पुं० झूमखो; गुच्छो (फूलनो) स्तंभकरण न० अवरोधD कारण (२) मोरनुं पीछु (३) पुस्तकनो स्तंभन न० रुकावट; प्रतिबंध ; निग्रह अध्याय के विभाग
(२)अकडाई जq-जूढुं पडी जq ते स्तब्ध (स्तंभ' नुं भू० कृ०) वि० (३)शांत-स्थिर करते (४)दृढ करवू अटकावेलुं; रुकावट करेलु (२) ते (५) टेकवद् ते अक्कड; स्थिर (३) गति के हलन- स्तंभित वि० रोकायेलं; विघ्न करायेलं चलन विनानुं (४)हठील; जक्की (५) (२) जड बनावायेलं; जूळू पडायेलं कठोर (६) निष्क्रिय
(३)शांत-स्वस्थ करायेलं स्तब्धरोमन् पुं० डुक्कर; वराह स्तंभितबाष्पवृत्ति वि. आंसु आवतां स्तब्धलोचन वि० अनिमेप आंखवाळं रोक्यां होय तेवू (जेम के देव)
स्ताव पुं० स्तुति; वखाण स्तभ १ आ० [स्तंभते जुओ 'स्तंभ' स्तांबरम वि० हाथीनुं स्तर वि० फेलातुं; बिछातुं; ढांकतुं स्तिम् ४ ५० भींजावं (२) स्थिर थई
(२)पुं० थर; पड (३) पथारी जवं; हलनचलन विनाना थई जर्बु स्तव पुं० वखाण; स्तुति
स्तिमित वि० भीनु; भेजवाळू (२)शांत; स्तवक वि० प्रशंसा-स्तुति करनारु (२) खळभळाट वगरनुं (३) स्थिर; गति पुं० भाट ; चारण (३)प्रशंसा ; स्तुति विनानुं (४)बंध; वासेलु (५) जड(४)स्तबक ; गुच्छो (५)ग्रंथ- प्रकरण
अक्कड थई गयेलुं के करायेलं के खंड (६) समुदाय
स्तीम् ४ प० जुओ ‘स्तिम्' स्तवन न० स्तुति ; प्रशंसा
स्तु २ उ० वखाणq(२) स्तुति करवी; स्तंब पुं० भारी (घास इ० नी) (२) सूक्तथी पूजा करवी पूळो (कडब इ०नो) (३)झाडq (४) स्तुत ('स्तु' नुं भू० कृ०) वि० वखाकटण थड न होय तेवो छोड के झाडQ णेलं; स्तुति करेलु (५) हाथी बंधाय छे ते थांभलो। स्तुति स्त्री० वखाण; प्रशंसा (२)स्तोत्र स्तंबकरिता स्त्री० खूब थवं - नीपजवं ते __ सूक्त (३) खुशामत ; खोटी प्रशंसा
(पूळा के भारीओ बांधवी पडे तेटलं) स्तुतिपाठक पुं० वखाण करनारो; स्तंबपुर न० एक शहेर (ताम्रलिप्त) स्तुति गानारो; भाट; चारण स्तंबरम पुं० हाथी
स्तुत्य वि० वखाणवा लायक ; स्तुतिपात्र स्तंभ १ आ०,५,९५० रोकवू; दबा- स्तुप पुं० ढगलो; टेकरो (२) बुद्धना व, (२) अक्कड करी देवं; जुठं पाडी अवशेषो उपर करेलं धूमट जेवू बांधदेवं (३) टेको आपवो (४) अक्कड थई काम (३)चिता (४)बळ; सामर्थ्य । जवू (५)गर्विष्ठ-उद्धत थर्बु (६)व्या- स्तु ५ उ० पाथरवू (२)विस्तारवु (३) पq; पथरावं
वीखरा, (४)पहेरवू; ढांक स्तंभ पुं० अक्कडपणुं; स्थिरता (२) स्तृह ६ प० मार; ईजा करवी
जडता; जूठा पडी जq ते (३) रुकावट; स्तु ९ उ० जुओ 'स्तृ' डखल (४) दबावg-कचर-निग्रह स्तूह ६ प० जुओ ‘स्तृह'
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