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सेवित
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सोपग्रहम् सेवित पुं० सेवक; नोकर
सिंधु नदी संबंधी (३) नदीमा जन्मेलु सेविन वि० सेवा करनारु (२) अनु- (४)समुद्रy (५) पुं० सिंधु देशनो सरनारु (३) उपयोग करतुं (४) घोडो (६) जयद्रथ (सिंधनो राजा) वसतुं; रहेतुं (५) संभोग करतुं(६) (७) पुं०, न० सिंधालूण -मां आसक्त; -मां रुचिवाळं
संह वि० सिंहन; सिंहने लगतुं सेव्य वि० सेवा-चाकरी-पूजा करवा सैहिक, सैहिकेय पुं० राहु । योग्य (२) वापरवा लायक (३) सो ४५० [स्यति कापी नाखवू; मारी भोगववा योग्य (४) वसवा योग्य नाखवू (२) पूरु करवू; अंत आणवो (५) पुं० स्वामी; मालिक
सोच्छ्वास वि० राजी; खुशी सेव्यसेवको पुं० द्वि० व० स्वामी अने सोढ ('सह' नुं भू० कृ०) वि० सहन सेवक [ईश्वरमां मानतुं
शक्तिमान सेश्वर वि० ईश्वरने स्वीकारतुं; सोढ़ वि० सहन करनारु (२) समर्थ; सेक वि० एक वधु होय तेवू
सोत्क, सोत्कंठ वि० उत्सुक; आतुर सैकत वि० रेतीचें; रेताळ (२) रेताळ . (२) खिन्न (३) शोक करतुं जमीनवाळू (३) न० रेतीवाळो सोत्कंठम् अ० उत्कंठापूर्वक; आतुरताकिनारो (४) रेताळ किनारावाळो थी (२) खिन्नपणे टापु (५) किनारो(६) रेतीनो ढगलो सोत्प्रास वि० अतिशय (२) पुं० सैकतिन् वि० रेती भरेलु; रेताळ अट्टहास्य (३) पुं०, न० कटाक्षयुक्त सैत्य न० घोळापणुं; धोळाश ।
अतिशयोक्ति सैनान्य, सैनापत्य न० सेनापतिपणुं; सोत्प्रासहासिन् वि० कटाक्षथी हसतुं सेनापति पद
सोत्प्रेक्षम् अ० बेदरकारीथी सैनिक वि० सेनाने लगतुं (२) पुं० सोत्साह वि० उत्साहवाळु; खंतील योद्धो; लडवैयो (३) पहेरेगीर; सोत्साहम् अ० उत्साहपूर्वक'; खंतथी चोकीदार (४) व्यूहरचनामां गोठ- सोत्सुक वि० खिन्न; दिलगीर; चितावायेलुं लश्कर
तुर (२) उत्सुक; इंतेजार सैन्य पुं० योद्धो (२) पहेरेगीर; चोकी
सोलेक वि० उद्धत दार (३) न० लश्कर (४) छावणी सोत्सेध वि० उन्नत; ऊंचुं सैरंध्र पुं० चाकर (२)एक मिश्र जातिनो सोदर वि० सहोदर एवं; एक ज माने
माणस (दस्यु अने अयोगव स्त्रीनो) पेटे जन्मेलुं (२) पुं० सहोदर भाई सैरंध्री स्त्री० अंतःपुरनी दासी (२) सोवरा स्त्री० सहोदर बहेन परघेर काम करनारी स्वतंत्र स्त्री सोवरीय वि० सरखं (२) पुं० सगो(३) द्रौपदी (ज्यारे विराट राजानी भाईं; सहोदर सहोदर भाई राणीनी दासी हती त्यारे)
सोदर्य वि० जुओ 'सोदर' (२) पुं० सरिभ पं० पाडो
सोपर्यस्नेह पुं० सहोदर जेवो प्रेम सैरिध्र पुं० जुओ 'सैरंध्र'
सोद्योग वि० उद्यमी; खंतील सैरिंध्री स्त्री० जुओ 'सैरंध्री'
सोद्वेग वि० उद्वेग के बीकवाळं संदूर वि० सिंदूरथी रंगेलं
सोपग्रहम् अ० मित्रताभरी रीते; शांत संघव वि. सिंधु देशमा जन्मेलं (२) पाडवानी रीते
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