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सोपचय
सोपचय वि० नफाकारक सोपचार वि० विनयी सोपद्रव वि० आपत्ति के आफतोथी भरेलुं सोपध वि० कपटी
सोपधान वि० (उत्तम) गुणो युक्त ( २ ) ओशिकावाळु छतरीने
सोपधि वि० कपटी (२) अ० कपटथी; सोपपत्तिक वि० प्रमाण- पुरावावाळं सोपप्लव वि० आफतथी घेरायेलुं (२) शत्रुओथी आक्रांत ( ३ ) ग्रस्त; ग्रहण aj होय ते ( सूर्य के चंद्र ) सोपरोध वि० डखल करायेलुं कृपा करायेलुं (३) कृपावंत सोपरोधम् अ० महेरबानीथी सोपसर्ग वि० विघ्नोथी पीडित ( २ ) भूत वगेरेना आवेशयुक्त
(२)
सोपस्नेहता स्त्री० भेज; भीनाश सोपहासम् अ० मश्करीमां; मजाकमां सोपान न० दादर ; सीडी ( २ ) पगथियुं सोपानपंक्ति, सोपान पद्धति, सोपानपरंपरा स्त्री०, सोपानमार्ग पुं० पगथियांनी पंक्ति ; सीडी
सोम पुं० सोमवल्ली (जेनो सोमरस यज्ञमां वपराय छे) (२) सोमरस (३) अमृत ( ४ ) चंद्र ( ५ ) ( समासने अंते) मुख्य; उत्तम ( ' नृसोम' ) (६) इडानाडी [पितामह सोमक पुं० पांचाल देशनो राजा; द्रुपदनो सोमकांत पुं० चंद्रकांत मणि सोमक्षय पुं० अमावास्यानो दिवस (ज्यारे चंद्र अदृश्य होय छे ) सोमदेवत न० मृगशीर्ष नक्षत्र सोमनाथ पुं० शिवनुं प्रसिद्ध लिंग ( प्रभासनं ) [सोमयाग करनारो
सोमप, सोमपा पुं० सोमरस पीनारो (२) सोमपीय, सोमपीथिन् पुं० सोमरस पीनारो [ पोयणुं सोमबंधु पुं० सूर्य ( २ ) सफेद कमळ ;
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सौति
सोमलतिका स्त्री० गळो ( २ ) सोमलता सोमवंश पुं० चंद्रवंश ( राजाओनो ) सोमवृक्ष पुं० जुओ 'सोमसार' सोमसद् पुं० एक प्रकारना पितृओ सोमसार पुं० सफेद खेर सोमसिद्धांत पुं० कापालिकोनो सिद्धांत सोमसुत पुं० वुधग्रह [ निचोवनाएं सोमसुत्वत् वि० रस माटे सोमवल्लीने सोमोद्भवा स्त्री० नर्मदा नदी सोर्ण वि० भमरो वच्चे वाळना कुंडाळावाळं [ मरकरी सोल्लुंठ पु०, सोल्लुंठन न० कटाक्ष; सोल्लुंठनम्, सोल्लुंठम् अ० कटाक्षमां; मजाकमा ठट्ठो करीने सोष्मन् वि० गरम; ऊं सौकर वि० सूकर - डुक्करने लग सौकर्य न० सहेलापणुं ; सरळता (२) अमल करी शकाय तेवुं होवुं ते (३) चतुराई [ जुवान वय होवी ते सौकुमार्य न० नाजुकपणं; कोमळता (२) सौखप्रसुप्तिक पुं० 'ठीक ऊंध्या ?" एवं पूछनारो (२) राजाने स्तुति, संगीत इ० थी जगाडनारो चारण सौखशायनिक पुं० 'ठीक ऊंघ्या ? ' एवी
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खबर पूंछनारो
सौखसुप्तिक पुं० जुओ 'सौखप्रसुप्तिक' सौख्य न० सुख; आनंद सौख्यशायनिक, सौख्यशायिक पुं० जुओ 'सौखशायनिक' [ अनुयायी सौगत पुं० बौद्धधर्मी; 'सुगत' - बुद्धनो सौगंधिक वि० खुशबोदार; सुवासवाळं (२) पुं० अत्तर वेचनारो (३) न० सफेद कमळ ( ४ ) नील कमळ सौगंध्य न० सुगंध; सुवास सौचि, सौचिक पुं० दरजी सौजन्य न० सज्जनता; भलाई ( २ ) उदारता (३) मायाळुता सौति पुं० कर्ण (२) एक प्रसिद्ध ऋषि ( पुराणी)
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