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सक्क सृक्क न०, सुक्कणी, सक्किणी स्त्री०
सृक्किन् न० ओठनो खूणो सृगाल पुं० शियाळ सृज् ६ ५० उत्पन्न करवू; सर्जq (२) संतानोत्पत्ति करवी (३) मूकवू; लगाडवू (४) बहार फेंकवृं; रेलवू (५) उच्चार; -मोमांथी काढवू (६) तजवू; छोडी देवू(७) लटकवू; वळगq (८)४ आ० छोडवू; मोकलq सृणि (-णी) स्त्री० अंकुश (हाथीनो) सत न० पलायन; नासी जवं ते । सृति स्त्री० जq ते; सरकवू ते (२) रस्तो; मार्ग (३) वर्तन (४) जन्म
जन्मांतरमा रखडवं ते (५) सृष्टि सृप १ प० सरकवू; धीमेथी खस (२) फेला
[जातनुं हरण समर वि० जq ते; गमन (२)पुं० एक सृष्ट ('सृज्' नुं भू०कृ०) वि० सर्जायेखें; उत्पन्न थयेलं (२) काढेलु; फेंकेलं (३) छुटुं मूकेलं; तजेलं (४) दूर करेलु; विदाय करेलु सृष्टि स्त्री० सरजेलं ते; सर्जन (२) जगतनी उत्पत्ति - रचना (३) प्रकृति; सहजधर्म (४) छोडवू ते (५) आपी देवु ते (६) संतान [हार संका स्त्री० मार्ग; रस्तो (२) माळा; सेक पुं० छांटq ते ; पाणी पावं ते(वृक्षने)
(२)वीर्य सींचq ते सेगव पुं० करचलीतुं बच्चुं सेचन न० जुओ 'सेक' सेचनघट पुं० पाणी पावानो घडो । सेतु पुं० बंध; माटीनो आडो बांध (२) पुल (३) सीमाचिह्न (४) पर्वतनो सांकडो घाट (५) सीमा; हद (६) रुकावट; विघ्न (७) मर्यादा स्थापनार नियम (८) प्रणव; ॐ सेतुबंध पुं० बंध के पुल बांधवो ते (२) लंका जवा रामे बंधावेलो पुल (अत्यारे टेकरीओ रूपे देखाडाय छे) (३) पुल
सेवित सेदिवस् वि० बेसतुं; बेठेलु सेना स्त्री० सैन्य; लश्कर (२) नानी टुकडी (३ हाथी, ३ रथ, ९ घोडा अने १५ पायदळनी) सेनानिवेश पुं० लश्करनो पडाव;छावणी सेनानी, सेनापति पुं० सेनापति (२)
कार्तिकेय (देवसेनाना सेनापति) सेनापरिच्छद् वि० सैन्यथी वीटळायलं सेनामुख न० त्रण हाथी, त्रण रथ, नव घोडा अने पंदर पगपाळाओनो बनेलो सैन्यनो विभाग सेनांग न० सेनानो घटक भाग (हाथी
अश्व-रथ-पदाति ए चारमांनो दरेक) सेय॑ वि० ईर्षायुक्त; अदेखें सेव् १ आ० सेवा करवी (२)पूजवू; मान आपq (३) अनुसरवू; पाछळ ज, (४) भोगवq; माणवू (५) संभोग करवो (६) आचर; निष्ठापूर्वक अमल करवो (७) वारंवार
जवू ; आशरो लेवो सेवक वि० सेवा करनारं; पूजा करनारं (२) अमल करतुं; अनुसरतुं (३) पुं० दास; अनुचर (४) पूजक ; भक्त सेवन न०, सेवना स्त्री० चाकरी; सेवा (२) पूजा; उपासना (३) आचरवं ते (४) उपभोग (५) संभोग (६) वारंवार जq ते सेवा स्त्री० चाकरी; नोकरी; दासत्व (२) भक्ति; पूजा (३) उपयोग; उपभोग (४) खुशामत सेवाकाकु स्त्री० नोकरी करती वखते
अवाज बदलवो ते ( धीमो करवो ते) सेवाकार वि० सेवारूप-सेवाना आकारनुं सेवाधर्म पुं० नोकर- कर्तव्य | सेवित ('सेव् ' नुं भू० कृ०)वि० सेवाचाकरी करायेलं (२) अनुसरायेल; आचरायेलु (३) वारंवार जवायेलं; रहेवायेलं
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