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शम
शम पुं० शांति निर्विकारपणुं ( २ ) तृप्ति; संतोष; आश्वासन ( ३ ) मोक्ष (४) रोगनुं शमन
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शमन वि० शांत पाडनारुं ( २ ) न० शांत पाडवुं ते (३) चित्तशांति; समाधि ( ४ ) ईजा करवी ते; नाश करवो ते (५) यज्ञमां पशुने वधेरनुं ते (६) पुं० यमराजा [ छे तेवुं शमप्रधान वि० जेगां राम-शांति विशेष शमल न० विष्ठा (२) पाप शमित वि० शांत पाडेलु (२) छिपा - वेलुं; मटाडेलुं (रोग, तरस इ० ) (३) शांत (४) हणेलुं; नाश करेलुं शमित पुं० वध करनारो शमिन् वि० शांत; जितेंद्रिय शमी स्त्री० एक झाड ; समडो ( २ ) फळी; सींग
शमोपन्यास पुं० शांतिनुं क
शम्या स्त्री० एक जातनुं छबलीकुं (२) लाकडी दंडो (३६ आंगळनो ) शम्याक्षेप पुं० जुओ 'शम्यापात' शम्याग्राह पुं० छबलीकां वगाडनारो शम्यानिपात, शम्यापात पुं० एक दंडो
फेंकी शकाय तेटलं अंतर शय वि० सूतुं; ऊंघतुं ( समासने अंते ) (२) पुं० ऊंघ (३) शय्या (४) हाथ ५) लंबाईनुं एक माप ( ६ ) साँप शयन न० सूनुं ते ( २ ) पथारी शयनभूमि स्त्री० सुवानो ओरडो शयनसखी स्त्री० साथै सूनारी सखी (स्त्रीनी) [ शयनगृह शयनीय न० शय्या; पथारी ( २ ) शयनैकादशी स्त्री० अषाढ सुद अगियारस; देवपोढी
शयालु वि०ऊंघे भरायेलुं (२) ऊंघणशी शमित वि० सूतेलुं; निद्राधीन (२) न० निद्रा; ऊंघ
शय्या स्त्री० सेज ; पथारी ( २ ) परोबुं ते; गूंथवुं ते
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शरभ
शय्यागृह न० सुवानो ओरडो शय्यापाल, शय्यापालक पुं० राजाना शयनगृहनो संरक्षक अधिकारी शय्यांत पुं० सुवानुं स्थळ शय्योत्यायम् अ० वहेली सवारे शय्योत्संग पुं० पथारीनो मध्य भाग शर पुं० बाण (२) एक जातनुं बरु (३) तर; मलाई (४) कुश; दाभ (५) पांचनी संख्या ( ६ ) न० पाणी शरक्षप पुं० बाण जाय तेटलुं अंतर शरच्चंद्र पुं० शरद ऋतुनो चंद्र शरजन्मन् पुं० कार्तिकेय शरजाल न० वरसतां बाणोनुं जाळं शरज्ज्योत्स्ना स्त्री० ० शरद ऋतुनी चांदनी शरट पुं० काचंडो शरण वि० जुओ 'शरण्य' (२) नं० आशरो; संरक्षण (३) आशरो के शरणनुं स्थान (४) घर ; ओरडो ( ५ ) झुंपडी, मांडवो
शरणागत, शरणापन्न वि० शरणे आवेलू शरणार्थिन्, शरणैषिन् वि० आश्रय शोधनाएं (२) कमनसीब शरणोन्मुख वि० शरण इच्छतुं शरण्य वि० रक्षण - शरणुं आपनार (२) शरण इच्छतुं; दीन (३) न० आश्रयस्थान ( ४ ) आशरो आपनारो (५) आशरो ( ६ ) हानि; ईजा शरद् स्त्री० आसो - कार्तिक महिनावाळी ऋतु (२) वर्ष शरबिज वि० शरद ऋतुमां यतुं शरदुदाशय पुं० शरद ऋतुनुं सरोवर शरदुदिन न बाणोनो वरसाद शरधि पुं० बाणनो भायो • शरन्मेघ पुं० शरदऋतुनुं वादळ शरपुंख पुं० बाणनो पींछावाळो छेड शरप्रवेग पुं० बाणनो वेग शरभ पुं० हाथीनुं बच्चुं ( २ ) आठ पर वाळं एक बळवान काल्पनिक प्रार्ण (३) ऊंट (४) तीड (५) तीतीघोड
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