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भूमि
भूगोल
३५६ भूगोल पुं० पृथ्वीनो गोळो
भूतसाक्षिन् पुं० प्राणीओ- बधं जोनार भूचर वि० जमीन उपर फरतुं के रहेतुं के जाणनारो साक्षी ('जलचर थी ऊलटुं)
भूतसृज् पुं० ब्रह्मा भूत ('भू' नुं भू० कृ०) वि० बनेलं; भूतस्थान न० सौ प्राणीओनुं निवासथयेलु (२) वस्तुताए बनेलं; साचु (३) स्थान (२) भूतप्रेतनुं निवासस्थान योग्य; उचित(४)भूतकाळy (५) मळेलु भूतात्मन् वि० पवित्र अंतरवाळ (२) (६)समान; सरखं (७)पुं० पुत्र ; बाळक पंचभूतनुं बनेलं (जेमके शरीर) (३) (८) न० कोई पण सत् वस्तु (मानव, पुं० जीवात्मा (४) ब्रह्मा, विष्णु इ० दैवी के निर्जीव पण) (९) पिशाच; भूतानुकंपा स्त्री० सौप्राणीओ प्रत्ये दयाप्रेत (१०) मूळतत्त्व (पांच छे : पृथ्वी,
भाव [स्थिति; हकीकत अप, तेज, वायु, आकाश) (११) भूतार्थ पुं० साची वात; साची वस्तुभूतकाळ (१२) कल्याण; हित
भूतावास पुं० शरीर(२)शिव(३)विष्णु भूतकर्तृ, भूतकृत् पुं० ब्रह्मा
भति स्त्री० अस्तित्व; हयाती (२) जन्म; भूतगण पुं० सृष्टिनां प्राणीओनो समु- उत्पत्ति (३) कल्याण; सुखसंपत्ति (४) दाय (२) भूत-प्रेतनो आखो वर्ग सफळता; सद्भाग्य (५) समृद्धि (६) भतगत्या अ० साचेसाच
प्रताप; भव्यता (७) राखोडी; भस्म भूतग्राम पुं० बधां प्राणीओनो समुदाय
(८) रंगीन पटाओथी करातो हाथीनो भूचितक पुं० जीव के चैतन्य तो पंच
शणगार (९) तपश्चर्याथी मळती भूतोनो स्वभाव छ, एवं माननारो
अलौकिक सिद्धि के सामर्थ्य वादी; ‘स्वभाववादी'
भूतेश पुं० ब्रह्मा (२) विष्णु (३) शिव भूतजननी स्त्री० बधां प्राणीओनी माता
भूतेश्वर पुं० शिव
भूतौदन पुं० भूत-पिशाचनी असर दूर भूतधात्री स्त्री० पृथ्वी (२) निद्रा
करवा खवातो भात भूतनाथ पुं० शिव भूतपति पुं० शिव (२) आकाश (३)
भूत्यर्थम् अ० समृद्धि माटे
भूदेव पुं० ब्राह्मण अग्नि
[मरी गयेलु
भधर वि० पृथ्वीने टेकवतुं (२)पृथ्वी भूतपूर्व वि० पहेलांनु; अगाउनुं (२) उपर रहेतुं (३) पुं० पर्वत (४) शिव भूतपूर्वम् अ० अगाउ; पहेलां
(५) शेषनाग (६) राजा भूतप्रकृति स्त्री० सौ प्राणीओ- मूळ
भप पुं० राजा भूतभर्तृ वि० सौ प्राणीओने पोषनारं
भूपति पुं० राजा(२)शिव (३) इंद्र भूतभावन पुं० विष्णु (२) ब्रह्मा
भूपाल पुं० राजा भूतभृत् वि० महाभूतोने धारण करनारु
भूपुत्र पुं० मंगळ ग्रह (२) नरकासुर (२)प्राणीओनुं भरणपोषण करनारुं
भूपुत्री स्त्री० सीता भूतयज्ञ पुं० प्राणीमात्रने उद्देशीने अपातो
भूभर्तृ पुं० राजा(२)पर्वत बलि (पंचमहायज्ञो पैकी एक)
भूभुज् पुं० राजा भूतल न० पृथ्वीनी सपाटी [ते भूभत पुं० पर्वत (२) राजा भूतसमागम पुं० प्राणीओनुं भेगा मळवू भूमन् पुं० मोटो जथो के संख्या भूतसर्ग पुं० सृष्टिनुं के महाभूतो, सर्जन भूमि स्त्री० पृथ्वी (२) जमीन (३) (२)सृष्टिनां प्राणीओनो वर्ग के कोटी प्रवेश (४)स्थळ के जगा(५) मकाननो
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