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पुनर्भव
पुनर्भव पुं० फरीथी जन्मनुं ते; पुनर्जन्म (२) वाळ (३) नख पुनर्भाव पुं० पुनर्जन्म
पुनर्वसु पुं० ते नामनुं सातमुं नक्षत्र पुनववाह पुं० पुनर्लग्न
पुनः प्रत्युपकार पुं० उपकारनो बदलो पुनीत वि० साफ करेल; पवित्र करेलु पुन्नामन् वि० 'पुत्' नामनुं (नरक) पुमर्थ (पुंस् + अर्थ ) पुं० पुरुषार्थ; मानव जीवननुं प्रयोजन ( धर्म-अर्थकाम-मोक्ष - ए चारमांनुं एक ) पुर् स्त्री० पुरी नगरी (२) किल्लो पुर वि० श्री भरेलु; पूर्ण (२) न० नगर शहेर ( ३ ) किल्लो; कोट ( ४ ) मकान, घर (५) शरीर ( ६ ) अंत:पुर (७) पुं० एक राक्षस
पुरतस् अ० - नी समक्ष ; ती सामे; -नी आगळ (२) पछीथी ( ३ ) पहेला पुरद्वार न० नगरनो दरवाजो पुररिपु पुं० शंकर पुरशासन पुं० विष्णु ( २ ) शिव पुरश्चरण न० होम सहित देवना नामनो जप (२) पूर्व तैयारी रूपे करातो विधि पुरस् अ० ( स्थळ के काळमां ) आगळ; पहेलुं ( २ ) नी सामे; नी समक्ष (३) पूर्व दिशाए
पुरस्करण न० आगळ - मोखरे स्थाापीने पूजा-सत्कार करवां ते
पुरस्कार पुं० आगळ स्थापवुं ते (२) पसंद करते (३) सत्कार करवो ते (४) पूजा ( ५ ) साथे होवुं ते (६) गोठववुं - तैयार करवुं ते ( ७ ) प्रगट करते (८) हुमलो के आक्षेप करवो ते पुरस्कृ ८ उ० आगळ स्थापवं; आगेवान aaj (२) रजू कर ( ३ ) अतिथिसत्कार करवो (४) स्वीकारखुं ; अनुसरवुं ( ५ ) बहानुं धरनुं ( ६ ) दर्शाववुं पुरस्कृत वि० आगळ-मोखरे स्थापेलं
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पुरावृत्त पुरस्क्रिया स्त्री० पूजन-सत्कार करवां ते पुरस्तात् अ० पहेला; आगळ (२)
खरे (३) प्रारंभमां (४) पहेलां; अगाउ (५) पूर्व बाजुए (६) पछी पुरंजन पुं० जीवात्मा (२) हरि पुरंदर पुं० इंद्र (२) शिव (३) विष्णु पुरंधि स्त्री० पति-पुत्रवाळी गृहिणी पुरंधिका स्त्री० पत्नी
पुरंध्री स्त्री० जुओ 'पुरंधि' पुरःपाक वि० फळ आपवानी तैयारीमां होय एवं
पुरः प्रहर्तृ पुं० मोखरे लडनार पुरः फल वि० जेनुं फळ नजीकमां ज - हाथवेंतमां होय तेवुं पुरःसर वि० -नी आगळ जतुं (२) पुं० आगळ जनार ( ३ ) सेवक; दास (४) अग्रेसर; आगेवान ( ५ ) ( समासने अंते ) साथे के आगळ जतुं पुरःसरम् अ० साथे; पछी पुरा अ० अगाउ; पूर्वे (२) अत्यार सुधी; अत्यार आमच ( ३ ) प्रथम तो ( ४ ) थोडा समयमां; ट्रंक वखतमां पुराकल्प पुं० जूनी वात ; भूतकाळनी कथा (२) जूनी सृष्टि; जूनो युग पुराकृत न० पूर्व जन्ममां करेलुं कर्म पुराण वि० प्राचीन जूनुं ( २ ) पुराणुं ; आद्य (३) जीर्ण थयेलु (४) न० प्राचीनकथा; दंतकथा ( ५ ) व्यासे रचेल १८ पुराणग्रंथमानुं दरेक पुराणपुरुष पुं० विष्णु (२) वृद्ध पुरुष पुरातन वि० प्राचीन; पुराणुं (२) जून; जीर्ण (३) पुं० ब० व० प्राचीन पुरुषो (४) न० प्राचीन कथा ( ५ ) पुराण ग्रंथ [ वाळ पुराधिप, पुराध्यक्ष पुं० नगरनो कोटपुराराति, पुरारि पुं० शिव पुराविद् वि० पुरातन वातोनुं जाणकार पुरावृत्त वि० प्राचीन समयने लगतुं (२) न० जूनुं वृत्तांत; इतिहास ; दंतकथा
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