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________________ पुण्यकीर्ति २८६ पुनर्जन्मन् एवं (३) शुभ ; मांगलिक (४) सुंदर पहोंचतुं; वंशपरंपरा चालतुं (५) न० सत्कर्म (६) तेनुं फळ पुत्रप्रवर पुं० मोटो पुत्र । पुण्यकीति वि० जेनुं नाम लेतां के पुत्रवधू स्त्री० दीकरानी वहु सांभळतां पुण्य थाय तेवं (२) सुप्रसिद्ध पुत्रिका स्त्री० पुत्री (२)ढींगली; पूतळी पुण्यक्षेत्र न० पवित्र भूमि; तीर्थस्थान (३) (समासने अंते) ते ते वर्गनुं नानुं पुण्यगृह न० सदाव्रतनुं स्थान (२)मंदिर जे कंई ते (उदा० 'असिपुत्रिका') पुण्यजन पुं० सदाचारी मनुष्य (२) पुत्रिकाधर्म पुं० पुत्र वगरनो पिता राक्षस (३) यक्ष पोतानी पुत्रीने 'तमारो पुत्र मने मळे' पुण्यजनेश्वर पुं० कुबेर (यक्षोनो स्वामी) ए शरते परणावे ते पुण्यवर्शन वि० सुंदर देखाववाळु (२) पुत्रिणी स्त्री० पुत्रवाळी स्त्री जेना दर्शनथी पुण्य थाय तेवू पुत्रिन् वि० पुत्र के पुत्रोवाळं पुण्यभाज् वि० पुण्यशाळी पुत्री स्त्री० दीकरी पुण्यलक्ष्मीक वि० समृद्ध; वैभवशाळी पुत्री ८ उ० पुत्र तरीके ग्रहण कर, (२) मांगलिक पुत्रीय वि० पुत्र तरफनुं (२)पुत्र संबंधी पुण्यश्लोक वि० जेनुं नाम लीधाथी पुण्य पुत्रेष्टि स्त्री० पुत्र मेळववा करातो यज्ञ थाय तेवू (२) सारी कीर्तिवाळु (३) पुत्री पुं० द्वि०व० पुत्र अने पुत्री पुं० नळ, युधिष्ठिर के जनार्दन (कृष्ण) पुथ् ४ प० हानि करवी; ईजा करवी पुण्यश्लोका स्त्री० सीता (२) द्रौपदी (२) १० उ० दीपq; प्रकाशवं पुण्यानुभाव पुं० प्रसन्न करे तेवो प्रभाव -प्रेरक० नाबूद करवू (२) दबावी पुण्याह न० सुखनो के मांगलिक दिवस देवं (अवाजने) पुण्योदय पुं० संचित पुण्यकर्मोनुं फळ पुद्गल वि० सुंदर (२) पुं० परमाणु मळवानुं शरू थq ते (३) जीवात्मा (४) शरीर (५) भौतिक पदार्थ पुत् न० ते नामनुं नरक पुनर् अ० फरीथी; बीजी वार (२) पुत्तल पुं० पूतळं ऊलटु; विरुद्ध दिशामां (३) परंतु; पुत्तलक पुं०, पुत्तलिका स्त्री० ढींगली छतां (४) वधारामां; उपरांतमां (२) मूर्ति; आकृति पुनरागत वि० पाछु आवेलं पुत्तली स्त्री० पूतळी पुनरागम पुं०, पुनरागमन न० पाछु पुतिका स्त्री० नानी मधमाखी (२) आवq ते; फरीथी आवq ते ऊधई (३) ढींगली पुनरावतिन् वि० पुनर्जन्म पामनाएं पुत्र पुं० दीकरो (२) (समासने छेडे) पुनरावत, पुनरावृत्ति स्त्री० पुनरावर्तन ते ते वर्गनुं नानुं जे कंई ते (उदा० (२) पुनर्जन्म (३) नवी आवृत्ति 'असिपुत्र') पुनरुक्त वि० फरीथी बोलेलं- कहेलं पुत्रक पुं० नानो छोकरो (२) 'बेटा' (२) नकामुं; निरर्थक (३) न० एवो वहालसूचक उद्गार (३) ढींगली फरीथी कहे ते पुत्रका स्त्री० जुओ 'पुत्रिका' पुनरुक्ति स्त्री० फरीथी कहे ते पुत्रकाम्या स्त्री० पुत्रोनी कामना पुनरुपगम पुं० पाछु आवq ते पुत्रकृतक पुं० दत्तक पुत्र पुनर्जन्मन् न० फरी फरी जन्म धारण पुत्रपौत्रीण वि० पुत्रो अने पौत्रो सुषी करवो ते (२) नवो जन्म थवो ते Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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