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________________ धर्मकाम खासियत ; विशिष्ट गुणधर्म ( ८ ) युधि - ष्ठिर ( ९ ) यम (१०) कुशळता; प्रवीणता [आचरवा इच्छतुं धर्मकाम पुं० धर्मपरायण; धर्म ज धर्मक्षेत्र न० भारतवर्ष (२) कुरुक्षेत्र धर्मचक्र पुं० धर्मनुं चक्र - साम्राज्य धर्मचर्या स्त्री० धर्माचरण धर्मचारिणी स्त्री० पत्नी ( २ ) सद्गुणी पत्तो [परायण धर्मचारिन् वि० धर्म आचरनारुं ; धर्मधर्मज पुं० युधिष्ठिर; धर्मराजानो पुत्र (२) कायदेसर जन्मेलो पुत्र धर्मज्ञ वि० धर्म जाणनारुं ( २ ) शास्त्र [ पत्नी अथवा कायदो जाणनारुं घर्मदाराः पुं०ब०व० कायदेसर परणेली धर्म, वि० धर्मनुं उल्लंघन करनाएं धर्मध्वज, धर्मध्वजिन् पुं० धर्मनो ढोंग करनार; पाखंडी [ मालिक धर्मनाथ पुं० कायदेसर संरक्षक के धर्मनिष्ठ वि० धर्मपरायण धर्मपत्नी स्त्री० शास्त्रविधि प्रमाणे परणेली स्त्री २२४ धर्मपथ पुं० धर्मनो मार्ग धर्मपर वि० धर्मपरायण धर्मपाल पुं० दंड; शिक्षा (ला० ) धर्मपुत्र पुं० कायदेसर पुत्र ( २) धार्मिक क्रियाओ करवा माटे स्वीकारेलो पुत्र (३) युधिष्ठिर [वर्तनारु धर्मप्रधान वि० धर्मने मुख्य मानीने धर्मप्रवचन न० धर्मशास्त्र ( २ ) कायदो समजावतो ते धर्मप्रेक्ष्य वि० धर्माचरणी धर्मबाह्य पुं० धर्मथी विरुद्ध धर्मभगिनी स्त्री० कायदेसर बहेन ( २ ) गुरुकन्या (३) मानी लीवेली बहेन (४) समान धर्म आचरती होवाथी बहेन धर्मभागिनी स्त्री० सद्गुणी पत्नी धर्मभाणक पुं० धर्मग्रंथोनी कथा कहेनार Jain Education International षमिन् धर्मभृत् पुं० राजा ( २ ) धर्मपरायण, सदाचरणी माणस धर्ममहामात्र पुं० धार्मिक बाबतोनुं निरीक्षण करनार अधिकारी धर्ममूल न० वेद धर्मयुग न० कृतयुग; सत्ययुग धर्मरति वि० धर्माचरणमां प्रीतिवाळं धर्मराज् पुं० यम धर्मराज वि० धर्मशील ( २ ) पुं० यम (३) युधिष्ठिर ( ४ ) राजा ( ५ ) जिन धर्मराजन् पुं० युधिष्ठिर धर्मलक्षण न० वेद धर्मलोप पुं० अधर्म (२) कर्तव्यनुं उल्लंघन धर्मवाद पुं० धर्म के न्याय अंगे वादविवाद धर्मविप्लव पुं० धर्मनुं उल्लंघन धर्मवृद्ध वि० धर्मनी बाबतमां मोटुं धर्मशाला स्त्री० धर्मशाळा ( २ ) न्यायमंदिर; कचेरी धर्मशासन, धर्मशास्त्र न० कायदानो ग्रंथ धर्मसेतु पुं० धर्म के न्यायनो आधार (२) शिव धर्माक्षराणि न० ब० व० धर्मनां सूत्रो धर्माचार्य पुं० धर्मगुरु धर्मात्मन् वि० न्यायी; पुण्यशाळी धर्माधिकरण न० न्यायमंदिर ( २ ) न्याय चूकववो ते ( ३ ) पुं० न्यायाधीश धर्माधिकार पुं० धर्म अंगेनी देखरेख ; धार्मिक कार्योनी देख रेख (२) न्याय चूकववो ते ( ३ ) न्यायाधीशनो होहो धर्माधिकारिन् पुं० न्यायाधीश धर्माधिष्ठान न० न्यायनी अदालत धर्माध्यक्ष पुं० न्यायाधीश (२) विष्णु धर्मात वि० धर्मविहीन; अधर्मी धर्मारण्य न० तपोवन [शाळी धर्माश्रय, धर्माश्रित वि० धर्मी; पुण्यधर्मासन न० न्यायासन धर्मिन वि० धार्मिक; धर्मने अनुसरतुं (२) सद्गुणी (३) ना गुणधर्मवाळु ( समासने अंते ) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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