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दुरुदर्क
वीर्घ निद्रा
२११ दीर्घनिद्रा स्त्री० लांबी ऊंघ (२) मृत्यु दुरवाप वि० प्राप्त करवं मुश्केल दीर्घबाहु वि० लांबा हाथवाळू
दुरंत वि० जेनो अंत पामी शकाय नहि दीर्घम् अ० लांबा समय सुधी (२) एवं (२) खराब अंतवाळं (३) दुर्जेय ऊंडे सुधी (३) दूर सुधी।
(४) मुश्केलीथी ओळंगी शकाय तेवू दीर्घसत्र न० लांबो यज्ञ (२) पुं० तेवो दुराक्रम वि० अजेय (२) मुश्केलीथी यज्ञ करनार
पसार करी शकाय तेवू करतुं दीर्घसूत्र, दीर्घसूत्रिन् वि. नकामो दुराकंद वि० दयाजनक रीते विलाप लांबो विचार कर्या करनारं; नकामी
दुरागम पुं० अन्यायथी करेली प्राप्ति वार लगाडनाएं
दुराग्रह पुं० खोटो आग्रह; हठ दीर्घायु, दीर्घायुष्, दीर्घायुष्य वि० दीर्घा- दुराचार वि० दुराचारी (२) दुर्वर्तनयुषी - लांबु जीवनाएं।
वाळ (३) पु० दुराचरण ; दुष्टता दीधिका स्त्री० लांचं जळाशय (२)
दुरात्मन् वि० दुष्ट ; पापी सामान्य कुवो के तळाव
दुराधर्ष वि० जुओ 'दुर्धर्ष' दीर्ण ('द' नुं भू० कृ०) वि० फाडेलु; दुराधि पुं० चिता (२) गुस्सो तेवं चीरेलु (२) भयभीत ; बोनेलं
दुरानम वि० खेंची के वाळी न शकाय दु ५ प० बाळी नाखवू (२)दुःख देवू;
दुराप वि० दुष्प्राप (२) मुश्केलीथी पोडवू (३) दुःखी थq; दुःख पामवं
पासे जई शकाय ते, -कर्मणि पीडावू; दुःखी थर्बु
दुरामोद पुं० दुर्गंध दुकल न० रेशमी वस्त्र (२) बारीक वस्त्र
दुराराध्य वि० खुश के वश करवू मुश्केल दुग्ध ('दुह, 'भू० कृ०) वि० दोहेलु;
दुरारोह वि० चडवू मुश्केल दोही लीधेलु (२) न० दूध
दुरालोक वि० जो मुश्केल (२) आंजी दुग्धदा स्त्री० दूझणी गाय
नाखे तेवू दुघ वि० देनारं; आपनाएं (समासने छेडे; उदा० 'कामदुघ') पीडित
दुरावर, दुरावार वि० भरी के ढांकी दुत ('दु' नुं भू० कृ०) वि० दुःखित ;
न शकाय तेवू (२) रोको के पूरी न दुर् अ० 'दुस्' ने बदले स्वर तथा घोष
शकाय तेवू
[लिंगदेह व्यंजनो पूर्वे 'खराब', 'मुश्केल', 'कठण'
दुराशय वि० दुष्ट आशयवाळु (२)पुं० -ए अर्थमां मुकाय छे
दुराशा स्त्री० दुष्ट आशा (२) व्यर्थ दुरक्षर न० अनिष्ट - अप्रिय शब्द
आशा
[शकाय तेवू दुरतिक्रम वि० अजेय; अनुल्लंघनीय ;
दरास वि० मुश्केलीथी संबंध राखी दुस्तर (२) अनिवार्य
दुरासद वि० मुश्केलीथी पासे जवाय दुरत्यय वि० दुर्जय (२)अगाध ; दुष्प्राप तेवु (२) दुष्प्राप (३) अजेय । दुरधिग, दुरधिगम वि० दुष्प्राप; दुर्जय दुरित न० पाप (२) संकट (२) दुर्जेय
दुरुक्त न०, दुरुक्ति स्त्री० कडवो बोल ; दुरध्यय वि० शीखवू कठिन (२) दुष्प्राप खोटुं लागे तेवी वाणी (२)निंदा; गाळ दुरध्यवसाय पुं० मूर्खाईभरेली प्रवृत्ति दुरुत्तर वि० जवाब न आपी शकाय तेवू दुरध्व पुं० दुर्गम मार्ग ; खराब रस्तो । (२) पार न करी शकाय तेवू दुरन्वय वि० दुर्जेय (२) अयोग्य ; अनुचित दुरुदर्क वि० खराब परिणामवाळ (२) (३) मुश्केलीथी अनुसरी शकाय तेवू कशा परिणाम विनानुं ।
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