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। (श्रा २७)।
णिद्दलण-णिद्धम
पाइअसद्दमहण्णवो णिद्दलण न [निर्दलन] १ मर्दन, विदारण णिदिस सक [निर् + दिश] १ उच्चारण णिद्धम वि [दे] अविभिन्न-गृह, एक ही घर (आचा)। २ वि. मर्दन करनेवाला (वजा | करना, कथन करना। २ प्रतिपादन करना, में रहनेवाला (दे ४,३८)।
निरूपण करना। निद्दिसइ (विसे १५२६)। णिद्धमण न [दे] खाल, मोरी, पानी जाने का णिद्दलिअ वि [निर्दलित] मर्दित, विदारित कर्म. णिहिसइ (नाट-मालवि ५३)। हेव. रास्ता (दे ४, ३६; उर २, १०० ठा ५, १,
(पाम सुर ५, २२२, साधं ७९)। निद्देट हुँ (पि ५७६)। कृ. णिहिस्स, | भावमः तंदुः उवः गाया १, २)। णिदह सक [निर + दह ] जला देना, णिद्देस (विसे १५२३)।
णिद्धमण न [निर्मान] १ तिररकार, प्रवभस्म करना। निद्दहइ (महा. उप)। णिद्द-णिदुदुक्ख वि [निर्दुःख दुःख-रहित, सुखी | हेलना (उप पू ३४६)। २. यक्ष-विशेष हेज्जा (पि २२२)। (सुपा ५३७)।
(माव ४)। णिहा प्रक [नि + द्रा] निद्रा लेना, नोंद मिटरटेनेजारी देश-विशेष (इक)।।
णिद्धमाय वि [दे] अविभिन्न-गृह, एक ही घर करना। णिद्दाइ (षड्) । वकृ.णिदाअंत |णिदूसण वि [निर्दूषण] निर्दोष (धर्मवि
में रहनेवाला (दे ४, ३८)। २०)।
णिद्धम्म वि [दे] एकमुख-यायी, एक ही तरफ णिद्दा स्त्री [निद्रा] १ निद्रा, नींद (स्वप्न ५९; णिद्देस ' [निर्देश] १ लिग या अर्थ-मात्र का
जानेवाला (दे ४, ३५)। कप्यू)। २ निद्रा-विशेष, वह निद्रा जिसमें
कथन (ठा ८-पत्र ४२७)। २ विशेष का णिद्धम्म वि [निर्धर्मन] धर्म-रहित, अधर्मी एकाध मावाज देने पर ही प्रादमी जाग उठे
अभिधान, 'अविसेसियमुद्देसो विसेसियो होइ (कम्म १,११)। अंत वि [वत् ] निद्रानिद्देसो' (विसे १४६७; १५०३)। ३
णिद्धय वि [दे] देखो णिद्धम (दे४, ३८)। युक्त, निद्वित्त (से १, ५६)। करी स्त्री निश्चय पूर्वक कथन (विसे १५२६)। ४ प्रति
| णिद्धाइऊण देखो णिद्वाव। [°करी लता-विशेष (दे ७, ३४)। "णिद्दा | पादन, निरूपण (उत्त १; णंदि)। ५ आज्ञा,
णिद्वाड सक [निर + धाट्य] बाहर निकाल स्त्री [निद्रा] निद्रा-विशेष, वह निद्रा जिसमें | हुकुम (पान, दस ६,२)। ६ वि. जिसको
देना । कर्म. निद्धाडिजई (संबोध १६)। बड़ी कठिनाई से भादमी उठाया जा सके देश-निकाले की आज्ञा हुई हो वह (पउम ४,
णिद्धाडण न [निर्धाटन] निस्सारण, निष्का(कम्म १, ११; सम १५)। "ल, लु वि ८२)।
सन, बाहर निकालना (पएह १,१)। [°वत् ] निद्रावाला (संक्षि २०; पि ५६५;
णिदेसग, वि [निर्देशक निर्देश करने- णिद्धाडाविय वि [निर्धाटित] अन्य द्वारा प्राप्र)। "वअ वि [ प्रद] निद्रा देनेवाला णिसय वाला (विसे १५०६ १५००)। बाहर निकलवाया हुआ, अन्य द्वारा निस्सारित सि ६, ४३)। णिद्दोत्थ न [निदौःस्थ्य] १ दुःस्थता का
(महा)। णिद्दाअ वि [निद्रात] जो नींद में हो (से १,
णिद्धाडिय वि [निर्धाटित] निस्सारित, प्रभाव (वव ४)। २ वि. स्वस्थ, दुःस्थता- | ५६)। रहित (वव ७)।
निष्कासित (पामा भवि)। णिद्दाअ वि [निर्दाव] अग्नि-रहित (से १,
णिद्धारण न [निर्धारण] १ गुण या जाति ५६)।
णिद्दास विनिदाष पाषाहत, पण मादि को लेकर समुदाय से एक भाग का णिद्दाअ वि [निय] दाय-रहित, पैतृक धन
वजित, विशुद्ध (गउडः मुर १, ७३)।
पृथकरण। २ निश्चय, अवधारण (विसे से वजित (से १, ५६)। णिद्ध न [स्निग्ध] स्नेह, रस-विशेष (ठा १
११६८)। अग)। २ वि. स्नेह-युक्त, चिकना (हे २, णिद्धाव सक [निर+धान दौड़ना। णिद्दाइअ वि [निद्रित] निद्रा-युक्त (महा)।
१०६ उवः षड)। ३ कान्ति-युक्त, तेजस्वी संकृ. णिद्धाइऊण (महा)। णिहाणी स्त्री [निद्राणी] विद्यादेवी-विशेष
(बृह ३)।
णिद्धाविय वि [निर्धावित] दौड़ा हुमा, (पउम ७, १४४)।
णिद्धत वि [निर्मात अग्नि-संयोग से विशो- धावित (महा)। णिदाया देखो णिदा (पएण ३५)।
धित, मल-रहित (पराह १, ४, प्रौप)। णिद्भुण सक [निर् + धू] १ विनाश णिद्दारिअ वि [निर्दारित] खण्डित, विदारित
|णिद्धंधस वि [दे] १ निर्दय, निष्ठुर (दे ४, करना। २ दूर करना। संकृ. निडुणे, णिधूय (५, ८३, १३, ६५)।
३७, मोघ ४४५, पामा पुप्फ ४५४, सद्धि (दस ७, ५७सूम १, ७)। णिद्दाव वि [निर्दाव] १ दावनल-रहित । २.
२६; सुपा २४५; श्रा ३६)। २ निर्लज्ज, णिझुणिय , वि [निर्धूत] १ विनाशित, जंगल-रहित (से ६, ४३)।
बेशरम (विवे १२८)।
| णिद्धय नष्ट किया हुमा। २ अपनीत णिहिट विनिर्दिष्ट] १ कथित, उक्त (भग)। जिण विनिर्धन] धन-रहित. अकिंचन (सुपा ५६६: प्रौप)। २ प्रतिपादित, निरूपित (पंचा ३ दंस)।
(हे २, १०णाया १, १८ दे ४, ५, उप णिम वि [निर्धूम] १ धूम-रहित (कप्प; णिदिद, वि[निर्देष्ट्र] निर्देश करनेवाला ७६ टी; महा)।
पउम ५३, १०)। २ एक तरह का अपलक्षण (विसे १५०४ विक्र ६४)।
|णिद्धण्ण वि [निर्धान्य] धान्य-रहित (तंदु)।। (व २)।
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