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शब्दोनां व्याकरणी रूपो ओळखाव्यां छे अने क्वचित् शब्दमूळ दर्शावेल छे. स्थाननिर्देश एकथी वधु करेल छे.
वसंफा., वसंतविलास फागु, संपा. मधुसूदन मोदी, प्रका. राजस्थान प्राच्य विद्या वसंफा (ल). प्रतिष्ठान, जोधपुर, १९६०.
वसंवि.
कृतिनुं रचनावर्ष नथी, पण एना रचनासमय विशे १२५०थी १३५० सुधीनां अनुमानो थयां छे.
आ संग्रहमां वसंतविलासनी बृहद् वाचना तथा लघु वाचना बन्ने आपवामां आवेल छे अने बन्नेना अलग शब्दकोश आपवामां आवेल छे. लघु वाचनाना शब्दकोशमां आशरे ५०० अने बृहद् वाचनाना शब्दकोशमां आशरे ८०० शब्दों छे. एमां 'अति' 'अपार' 'अवतार' 'उदर' जेवा अत्यारे प्रचलित शब्दो पण छे ते बतावे छे के शब्दकोश लगभग अशेषपणे करवानी नेम छे. शब्दोनी व्युत्पत्ति दर्शाववामां आवी छे. अर्थो अंग्रेजीमां छे, जेनो आ संकलित कोशमां अनुवाद करी लेवामां आव्यो छे. शुद्धिपत्रकमां शब्दकोशविषयक शुद्धिओ पण छे ने कृति विशे टिप्पणी छे तेमां पण शब्दार्थ समजूती छे.
वसंतविलास, संपा. कान्तिलाल ब. व्यास, प्रका. एन. एम. त्रिपाठी प्रा. लि., मुंबई, पुनर्मुद्रण १९६९.
आमां पण बृहद् अने लघु बन्ने वाचना समाविष्ट छे. शब्दकोश बन्ने वाचनाने आवरी लेतो भेगो ज छे. एमां ९०० जेटला शब्दों छे. 'अंग' 'अधीर' 'अनइ' जेवा शब्दो बतावे छे के शब्दकोश लगभग अशेषपणे आपवानी नेम राखी छे. शब्दोनां व्याकरणी रूप ओळखाव्यां छे, एकथी वधु व्याकरणी रूप नोंध्यां छे अने व्युत्पत्ति पण आपी छे. अर्थ गुजराती तेमज अंग्रेजी बन्ने भाषामां आप्या छे, जेनो आ संकलित कोशमां लाभ लीधो छे. कृतिनां टिप्पण अने अनुवाद आपेलां छे ते पण मददरूप थई शके.
कोईक उपयोगी शब्दो पेटामा जता रह्या छे तेथी शब्दकोशमां सीधा जोवान मळे एवं बन्युं छे. जेमके 'अलि'ना पेटामा 'अलिजन' 'अलिराज’ शब्दो छे, 'नवी 'ना पेटामां 'नवनेह' 'नवरंग' वगेरे शब्दो छे.
वसंवि (ब्रा). ध वसंतविलास, संपा. डबल्यू. नॉर्मन ब्राउन, प्रका. अमेरिकन ऑरिएन्टल,
न्यूहेवन, १९६२.
आमां पण बन्ने वाचना छे. शब्दकोश बन्नेनो भेगो ज छे. अन्य
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