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शब्दरत्नमहोदधिः।
[पाण्डारा-पाण्डुलिपी पाण्डारा स्त्री. (पण्डस्यापत्यं पाण्डार+टाप्) ५उनी । पाण्डुफल पुं. (पाण्डूनी फलानि यस्य) ५ोस-५२५८.. छोरी..
पाण्डुफला स्त्री. (पाण्डूनि फलानि यस्याः) या मानो पाण्डित्य न. (पाण्डितस्य भावः कर्म वा पण्डित+ष्यञ्) दो-थीम..
ilBus, iBaj- “परोपदेशे पाण्डित्यं सर्वेषां पाण्डुभूम त्रि. (पाण्डुः भूमिरत्र अच् समा०) धोनी सुकरं नृणाम्'-हितोप० । -नखानां पाण्डित्यं प्रकटयतु मीनवाणु- पाण्डुदक् कृष्णतो भूमिः पाण्डूदक्
कस्मिन् मृगपतिः-भामिनी०१।२। उतनु मा. कृष्णमृत्तिका-हेमचन्द्रः । पाण्डु, पाण्डुक पुं. (पडि+कु नि. दीर्घः/पाण्डु+स्वार्थे पाण्डुभूमि, पाण्डुमृत्तिका, पाण्डुमृद् स्त्री. (पाण्डुवर्णा क) धोजी-पीजी मिश्रित. १५, पांडु २५%-यस्मात्
भूमिः/पाण्डुवर्णा मृत्तिका/पाण्डुवर्णा मृद्) धोनी पाण्डुत्वमापन्ना विरूपं प्रेक्ष्य मामिह । तस्मादेव सुतस्ते वै पाण्डुरेव भविष्यति-महा० । भगानाराम,
पाण्डुर पुं. (पाण्डुवर्णोऽस्यास्ति, पाण्डु+र:) पोगो धोको थी, सूत२ ५६, रानी. 36, 3. ते नमानी.
सने पीमिश्र, घोगो रंग-स.३६ ३०।- छविः એક નાગ, સુપ વનસ્પતિ, પટોલ-કડવાં પડવલ, તે
पाण्डुरा-शकुं० ३।१०। (पुं. पडि+उर पृषो. वृद्धिः) नामनोहेश. (त्रि. पडि+कु नि दीर्घः) घाणु-पाणु
भानो रोग, मो , नवसा॥२, भूत२. (त्रि. पीताभविकलकरणः पाण्डुच्छायः शुचा दुर्बलः-उत्तर०
पाण्डुर्वणोस्यास्ति रः) घोj, पीप भने यो ३।२२। घोगा गर्नु, भाना रोगवाj.
शवाणु (ततः उच्चैःश्रवा नाम हयोऽभूच्चन्द्रपाण्डुर:पाण्डुकण्टक पुं. (पाण्डुवर्णानि कण्टकानि यस्य) मघाउ..
भाग० ८८।३। (न. "श्वित्र" नामे मे. रोगवनस्पति.
જેમાં શરીરે ધોળાં ચાઠાં પડે છે. पाण्डुकम्बल पुं. (पाण्डुवर्णः कम्बल:) २.ने. राय
पाण्डुरङ्ग पुं. (पाण्डुरं अङ्गमस्य शक०) 2.5 तर्नु સફેદ કામળ-શાલ, રાજાના હાથી ઉપર નાંખવાનું
श.. પીળું આચ્છાદન, એક જાતનો પથ્થર. पाण्डुकम्बलिन् त्रि. (पाण्डुकम्बल+अस्त्यर्थे इनि) पास
पाण्डुरता स्त्री., पाण्डुरत्व न. (पाण्डुरस्य भावः तल+
___टाप्-त्व) धोयश, स.३४ाई, घोणा पी मिश्र કામળાથી આચ્છાદન કરેલો રથ, રાજાને લાયક શાલવાળું.
रंगj. पाण्डुकर्मन् न. (पाण्डोः कर्म) घोगो २२ दावो. ते,
पाण्डुरद्रुम पुं. (पाण्डुरः द्रुमः) “कुटज' -२२६२४वर्नु ધોળું કરવું, વૈદ્યક પ્રસિદ્ધ વ્રણને લગતી ચિકિત્સા.
वृक्ष -इन्द्रो यवफलः प्रोक्तो वृक्षकः पाण्डुरद्रुमःपाण्डुकिन् त्रि. (पाण्डुक+अस्त्यर्थे इनि) ५i रोगवाणु,
भावप्र० । भगाना रोगाणु..
पाण्डुरफली स्त्री. (पाण्डुरं पाण्डुवर्णं फलमस्याः जाति, पाण्डुतरु पुं. (पाण्डुः तरुः) धववृक्ष- पावडीनु, उ.
डीए) शौकी नामी. क्षु५ वनस्पति. पाण्डुतीर्थ न. (पाण्डुनामकं तीर्थम्) ते. नमन तीर्थ.. | पाण्डुरा स्त्री. (पाण्डुर+टाप्) २।। ७६, धोजी-पीजी. पाण्डुनाग पुं. (नाग इव पाण्डुः राजद्०) पुत्रा वृक्ष..
(पं. पाण्ड्श्चासौ नगश्च) धागो स धोनो हाथी.. | पाण्डुराग पुं. (पाण्डू रागोऽस्य) “दमनक'- उम२ पाण्डुपत्री स्त्री. (पाण्डु पत्रं यस्याः जाति० ङीष्) वृक्ष, धोमो २०, श्वेत. मिश्रित पाको २०.
२५.७८ नामे गन्धद्रव्य- भस्मगन्धापाण्डुपत्री स्मृता | (त्रि. पाण्डुः रागो यस्य) धोj, धोम मिश्रित. कौन्ती हरेणुका-भावप्र० ।
पीय रंगवाणु.. पाण्डुपुत्र पुं. (पाण्डोः पुत्रः) पांडु २५%80+ो. पुत्र-युधिष्ठि२. | पाण्डुरेक्षु पुं. (पाण्डुरः श्वेतवर्ण इक्षुः) धोनी श.द... વગેરેમાંનો એક.
पाण्डुलिपी स्त्री., पाण्डुलेख, पाण्डुलेख्य पुं. (पाण्डुः पाण्डुपृष्ठ, पाण्डुरपृष्ठ त्रि. (पाण्डु पृष्ठं यस्य/पाण्डुरं लेखः/पाण्डुः लेख्यः) ५२, मुत्सदो- पाण्डुलेखेन
पृष्ठमस्य) धोती. पी.suj, पी6 6५२. जरा फलके भूमौ वा प्रथमं लिखेत् न्यूनाधिकं तु संशोध्य લક્ષણવાળું.
पश्चात् पत्रे निवेशयेत्-व्यास० ।
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