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पद्मकन्द–पद्ममुख]
पद्मकन्द पुं. (पद्मस्य कन्दः) भजनो अंधी - पद्मादिकन्दः शालूकं करहारश्च कथ्यते - भावप्र० पद्मकाद्यघृत (न.) वैद्य प्रसिद्ध औषध३५ खेड घी. पद्मकाष्ठ न. (पद्ममिव गन्धवत् काष्ठमस्य) पद्मनाभे औषध-विशेष- विसर्पदाहविस्फोटकुष्ठ- श्लेष्मापित्तहृत् भावप्र० ।
पद्मकिन् पुं. (पद्मकं बिन्दुजालमस्त्यस्य इन्) (लोपत्रनुं आउ, हाथी..
शब्दरत्नमहोदधिः।
पद्मकीट पुं. (पद्ममिव कीटः) खेड भतनो डीडी. पद्मकेतन पुं. (पद्मं केतने यस्य) गरुडनो पुत्र.
(न. पद्मानां केतनम् ) उभण३ची रहेवानुं स्थान, કમળરૂપ નિવાસ.
पद्मकेशर, पद्मकेसर पुं. न. ( पद्मस्य केशर:- केसरः) भजनो जीसतन्तु, प्रेस२- गोक्षीरैः पेषयेत् तुल्यं पद्मकेश(स) रचन्दनम्- इन्द्रजालसंग्रहे । पद्मगन्ध त्रि., पद्मगन्धक न., पद्मगन्धि त्रि. (पद्मस्येव गन्धो यस्य / पद्मगन्धमेव क / पद्मस्येव गन्धो यस्य इत् वा) भल समान सुगन्धवाणुं. (न.) पद्माष्ठ ઔષધિ કમલના જેવી સુગન્ધવાળું. पद्मगर्भ, पद्मज, पद्मजात, पद्मपाणि, पद्मभव,
पद्मभू, पद्मयोनि, पद्मासन, पद्मोद्भव पुं. (पद्मं विष्णुनाभिकमलं गर्भः उत्पत्तिस्थानं यस्य / पद्माद् नाभिकमलात् जायते जन्+ड / पद्माज्जातः / पद्मं पाणी यस्य / पद्माद् विष्णुनाभिकमलाद् भवति, भू+अच् / पद्मं विष्णुनाभिकमलं भूरुत्पत्तिस्थानं यस्य / पद्मं विष्णुनाभिकमलं योनिरस्य / पद्मं विष्णुनाभिकमलमासनं यस्य / पद्मं उद्भव उत्पत्तिस्थानं यस्य यतुर्भुज ब्रह्मा, परमेश्वर सूर्य- पद्मगर्भो महागर्भो ब्रह्मगर्भो जलोद्भवः । (पुं. पद्मस्य गर्भः) भजनो मध्य प्रदेश. पद्मगुणा स्त्री. (पद्मं गुणयति आसनत्वेन गुण् +क) लक्ष्मी,
सविंग..
पद्मचारिणी स्त्री. (पद्ममिव चरति, चर् + णिनि + ङीप् ) તે નામની લતા, સ્થલકમલિની,
पद्मतन्तु पुं. (पद्मस्य तन्तुः) उभणमांनी तांतशो, भृशास. पद्मदर्शन त्रि. (पद्मस्येव दर्शनमस्य) भज समान
जाववाणुं. (पुं. पद्मस्येव दर्शनमस्य) राज, वृक्ष. पद्मनाभ पुं. (पद्मं नाभौ यस्य संज्ञायां अच् स० ) विष्णु - अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभोऽमरप्रभुः - महा० १३।१४९।१९। धृतराष्ट्रनो खेड पुत्र, नागविशेष, ભાવી ઉત્સર્પિણી કાળમાં થનાર પહેલા જૈન તીર્થંકર.
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पद्मनाभि, पद्मपलाशलोचन पुं. (पद्मं नाभौ यस्य, योगविभागस्य असार्वत्रिकत्त्वात् न अच् / पद्मस्य पलाशे पत्रे इव लोचने यस्य) विष्णु- नान्यं ततः पद्मपलाशलोचनाद् दुःखच्छिदन्ते मृगयामि कञ्चनभाग० ४. स्कन्धे ।
पद्मनाल न. (पद्मस्य नालम्) भजनी हांडली - कर्णिका
पद्नालं तु मृणालं तन्तुलं बिसम्- हेमचन्द्रः । पद्मनेत्र त्रि. (पद्ममिव नेत्रमस्य ) प्रमण समान खजवाणुं. (पुं.) जुद्धद्देवविशेष, जुद्ध
पद्मपत्र, पद्मपर्ण न. (पद्मस्य पत्रमिव, पद्मस्य
पत्रम् वा/पद्मस्य पर्णम्) पुष्डर भूज, भजनुं पांडु. पद्मपाणि त्रि. (पद्मं पाणौ यस्य) मज भेना हाथमा होय ते..
पद्मपुराण (न.) व्यास प्राशीत ते नामनुं खेड महापुराण. पद्मपुष्प पुं. (पद्ममिव पुष्पस्य ) हरेएानुं झाड, खेड પક્ષી વિશેષ. पद्मपुष्पी स्त्री. (पद्मपुष्प + स्त्रियां जाति ङीष्) खेड पक्षिणी..
पद्मप्रभ त्रि. (पद्मस्येव प्रभा यस्य ) કમળ સમાન કાન્તિવાળું તે નામના છઠ્ઠા જૈન તીર્થંકર. पद्मप्रिय त्रि. (पद्मं प्रियं यस्य) मज भेने वहादु होय ते.
पद्मप्रिया स्त्री. (पद्मानि प्रियाणि यस्याः ) ४२ डा
भुनिनी पत्नी मनसाहेवी पद्मप्रिया पद्मसंस्था पद्माक्षी पद्मसम्भवा-देवीभाग० १२ । ६ । ९४ ।
पद्मबन्ध पुं. (पद्मस्येव बन्धो रचना यस्य) ते नाभे
એક ચિત્રાલંકાર, જેમાં કમળની પાંખડીની પેઠે શ્લોક जनाववामां आवे छे- पद्माद्याकारहेतुत्वे वर्णानां चित्रमुच्यते ।
पद्मबन्धु पुं. (पद्मस्य बन्धुरिव) सूर्य, खडडानुं आउ, अमर-ममरो.
qadını 7. (99434 a¤) sunj oll, sun$155. पद्मबीजाभ न ( पद्मबीजमिवाभाति, आ+भा+क)
એક પ્રકારનું યજ્ઞ સંબંધી અન્ન. पद्यमय त्रि. (पद्म + मयट् ) भ्यां घएां उमज होय તેવો પ્રદેશ, ઘણાં કમળવાળું સરોવર વગેરે. पद्ममुख त्रि. (पद्ममिव मुखमस्य )
કમળ સમાન
મુખવાળું.
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