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शब्दरत्नमहोदधिः।
[काष्ठमौन-कासमई
काष्ठमौन न. (काष्ठमिव मौनम्) येष्टा द्वा२. ५ | काष्ठील पुं. (काष्ठिना इल्यते इल क्षेपणे कर्मणि
પોતાના અભિપ્રાયને ન પ્રગટ કરવારૂપ મૌન. घ) मे तनी उण, रानी गर्नु ॐ3, भेड काष्ठरजनी स्त्री. (काष्ठप्रधाना रजनी) वनस्पति तन मानु जाउ. દારૂહળદર.
काष्ठीला स्त्री. (कुत्सिता ईषद्वा अष्ठीलेव) रानी गर्नु काष्ठलेखक पुं. (काष्ठं लिखति लिख्+ण्वुल्) काष्ठकीट . -काष्ठीलिका ।। શબ્દ જુઓ.
काष्ठेक्षु पुं. (काष्ठमिव कठिनकाण्डमिक्षुः) भे. तन काष्ठलोहिन् पुं. (काष्ठं च लोह च ते स्तोऽत्र) शे२...
લોખંડથી જડેલાં લાકડાનો ધોકો-મુગર. काष्ठोदुम्बरिका स्त्री. (काष्ठप्रधाना उदुम्बरिका) मे. काष्ठवत् त्रि. (काष्ठ+मतुप्) Aulakj. (अव्य. જાતના ઉંબરાનું વૃક્ષ. __ काष्ठ+वत्) 13th, 18 सर.
कास् (भ्वा० आत्म० अक० सेट्-कासते) रोगर्नु यिह काष्ठवाट पुं. न. (काष्ठस्य वाटः-वाटम्) ६ussial. બતાવે તેવો ખરાબ અવાજ કરવો તે, ઉધરસ ખાવી. बनेसीभीत.
कास त्रि. (कस् हिंसने कर्तरि ण) डिंस. (पुं. कासतेऽनेन काष्ठवल्लिका स्त्री. (काष्ठमिव शुष्का वल्लिका) कास्+करणे घञ्) Hiसीनो श., Hiसी, 6५२१. वनस्पति .
-संभिन्नकांस्यस्वनतुल्यघोषः, निरेति वक्त्रात् सहसा काष्ठसारिवा स्त्री. (काष्ठमिव शुष्का सारिवा) वनस्पति सदोषो मनीषिभिः कास इति प्रदिष्टः । धोनी 6५ससरी, अनंतभूग.
कासकन्द पुं. (कासहेतुः कन्दः) लेनाथी. ५२स. थाय काष्ठा स्त्री. (काशते प्रकाशते काश्+क्यन् शस्य षः તેવું એક જાતનું કંદમૂળ.
ततः टाप) ६-स्फुरति विशदमेषा पूर्वकाष्ठाङ्गनायाः | कासकुण्ठ त्रि. (कासेन कुण्ठः) 3५२सथी. पी.31ये -शिशु० ११।१२, Hiमना सा२. ५८.5॥२॥ ४2l | Miसीथी. पी.येस. (पुं. कासकुण्ठ+ अच्) यम२॥४. उ -निमेषा दश चाष्टौ च काष्ठा त्रिंशत त ताः कासघ्न त्रि. (कासं हन्ति हन+हेत्वादो टक)धरस.ना कलाः- सीमा -स्वयं विशीर्णद्रुमपर्णवृत्तिता परा हि २. ४२ ते औषध वगरे. (पुं.) 8. मोरिंग, काष्ठा तपसः-कुमा० ५।२८, ४६ -काष्ठागत- કાસને હણનાર ‘ભાવપ્રકાશ'માં કહેલ હરેક પીપર, स्नेहरसानुविद्धम् -कुमा० ३।३५, मया। स्थिति, સૂંઠ અને મરીને સમભાવ ખાંડી મધ નાખી બનાવેલી 66र्ष. -महतः परमव्यक्तमव्यक्तात् पुरुषः परः । गोजी. पुरुषान्न परं किञ्चित् सा काष्ठा सा परं गतिः ।। | कासघ्नी स्त्री. (कासं हन्ति हन्+टक् + ङीप्) वनस्पति - कठश्रुतौ; श्रेष्ठ, ३७६२ वनस्पति, श्य५ | 8. मोरीगए, भा.
पिनी पत्नी -अदितिदितिर्दनुः काष्ठा अरिष्टा कासजित् स्त्री. (कासं जयति जि+क्विप्) मा सरसा इला-भाग० ६।६।२५, १क्ष्य, निशानी, अवस्था, नामनी वनस्पति, हा मोरिंगा. (त्रि.) सरोगने १०. ६० संध्यानी. संश..
જીતનાર, ઉધરસનો નાશ કરનાર કોઈ પણ काष्ठागार न. (काष्ठनिर्मितमागारम्) 4053iनु जनावदु, ઔષધવિશેષ. घ२.
कासनाशिनी स्त्री. (कासं नाशयति कश्+णिच्+णिनि काष्ठाम्बुवाहिनी स्री. (काष्ठनिर्मिताऽम्बुवाहिनी) ङीप्) वनस्पति 518312000, स. रोगनो ना વહાણમાંથી પાણી ઉલેચવાનું વાસણ, ડોલ.
१२वावाजी काष्ठालुक न. (काष्ठमिव कठिनमालुकम्) .तर्नु कासन्दीवटिका स्त्री. (कासन्दी वटति) में तन भूज, 42121.
ખાટું અને પ્રવાહી એવું પીણું. काष्ठिक त्रि. (काष्ठमस्त्यस्य ठन्) घti aussiauj.. कासमई पु. (कासं मृद्गाति मृद्+अण्) ते. नामनी में काष्ठिका स्री. (काष्ठी स्वार्थ कप्+टाप) u53ll alil. तनी वनस्पति, (पुं. कस्य जलस्य आसेन क्षेपेण
मृद्यतेऽसौ मृद्+घञ्) मे तनो पीवान Hual us. काष्ठिन् त्रि. (काष्ठमस्त्यस्य इनि) पुष्ठ ६ussialj. |
दु:32.
५६ार्थ.
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