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शब्दरत्नमहोदधिः।
[अश्वशाव-अश्वारोहक
अश्वशाव पु. (अश्वस्य शावः) 42, 480.. | अश्वहय पु. (अश्वेन हिनोति गच्छति हि+कर्त्तरि+अच्) अश्वशास्त्र न. (अश्वज्ञापकं शास्त्रम्) घोसना सक्ष ઘોડાથી જનાર. व३ %uवना शस्त्र, Pulesोत्र, ५शथिउित्सान अश्वहारक त्रि. (अश्व+ह+ण्वुल) घोडानो योरना२. ध्यपुस्त..
अश्वहृदय न. (अश्वस्य हृदयम् मनोगतभावादि) घोडाना अश्वशिरस् न. (अश्वस्य शिर इव शिरोऽस्य) १. ते. મનનો ભાવ, ઘોડાના માનસિક ભાવને જણાવનારી નામનો એક રાક્ષસ, ૨. ઘોડાનું માથું.
विद्या. अश्वशृगालिका स्त्री. (अश्वशृगालयोवैरं वैरे वुन्) घोड.
अश्वा स्त्री. (अश्व+टाप्) घोड़ी. અને શિયાળ વચ્ચેનું વૈર.
अश्वाक्ष पु. (अश्वस्य अक्षीय अच्) वि.सर्थप वृक्ष, अश्वषड्गव न. (अश्वषट्के षड्गवच्) ७ घो...
સરસવનું ઝાડ. अश्वसनि त्रि. (अश्वं सनुते-ददाति सन्+इनि) धाउनु
अश्वाजनी स्त्री. (अश्वार्थमजनी) , या
अश्वादि पु. पाणिनीय व्या४२५८ प्रसिद्ध, २०६समूड. स हान २/२.
च गणः-अश्व, अश्मन्, गण, उर्णा, उमा, गङ्गा, अश्वसात्रि. (अश्व+सन्+विट् + ङा):५२नो अर्थ...
वर्षा, वसु, गोत्रापत्ये, फञ्प्रत्ययनिमित्ते शब्दसमूहे अश्वसाद पु. (अश्वं सादयति-गमयति सद्
स च गण: - अश्व, अश्मन्, शङ्ख, शूद्रक, विद, गतो+णिच्+अण्) घोउसवार.
पुट, रोहिण, खजूर, खजार, वस्त, पिजूल, भडिल, अश्वसादिन् पु. (अश्वे सीदति सद्+णिनि) घोउसवार.
मण्डिल, भडित, भण्डित, प्रकृत, रामोद, क्षान्त, अश्वसारथ्य न. (अश्वस्य सारथ्यम्) यवान,
काश, तीक्ष्ण, गोलाङ्क, अर्क, स्वर, स्फुट चक्र, सारथिप, घोडा अने, २थनी प्रध. -सूतानामश्व श्रविष्ट, पविन्द, पवित्र, गोमिन्, श्याम, धूम, धूम्र, सारथ्यम्-मनु० १०१४७
वाग्मिन्, विश्वानर, कूट, शप (आत्रेये) जन, जड, अश्वसेन पु. १. ते. नमानी. मे. २0%1, २. वासभा खड, ग्रीष्म, अर्ह, कित, विशम्प, विशाल, गिरि, તીર્થંકર પાર્શ્વનાથસ્વામીના પિતાનું નામ.
चपल, चुप, दासक, बैल्व, प्राच्य, धर्म, आनडुह्य अश्वसेननृपनन्दन पु १. वासमा छैन. ता.२ (पुंसि) जात, अर्जुन, प्रहृत, सुमनस्, दुर्भनस् मनस्,
પાર્શ્વનાથ, ૨. સનકુમારના પિતા એક રાજા. प्रान्त, ध्वन, आत्रेय, (भरद्वाजे) भरद्वाज, (आत्रेये) अश्वस्तन त्रि. (न श्वस्+ल्यु तुटच्) मात्र आले उत्स, आतव, कितव, वद, धान्य, पाद खदिर, થનાર, બીજા દિવસે નહિ થનાર, જે આવતા દિવસની
शिव-अश्वादि. વ્યવસ્થા નથી રાખતો.
अश्वाधिक त्रि. (अश्वेषु अश्वैर्वाऽधिकः) घाउसवारोमi अश्वस्तनिक त्रि. (श्वस्तनमस्त्यस्य ठन् न श्वस्तनिकः)
જે બલવાન હોય અગર જેની પાસે અધિક ઘોડા આવતી કાલે નહિ થનાર, માત્ર આજે ચાલે તેટલા
डोय. ધનનો સંગ્રહ કરનાર ગૃહસ્થ.
अश्वामघ त्रि. (अश्वो मघं धनमस्य वेदे दीर्घः) घो७॥३५॥ अश्वस्तोमीय न. (अश्वस्य स्तोमं स्तुतिरस्त्यस्य
धननो मासिs.
अश्वायुर्वेद पु. (अश्वायुर्वेद्यतेऽनेन विद्+णिच्+घञ्) मत्वर्थे छ) घोउनी स्तुतिवाणु मे स्तोत्र, ते. 43
ઘોડાના આયુષ્યને જણાવનારું શાસ્ત્ર. થતો એક જાતનો હોમ.
अश्वारि पु. (अश्वस्य अरिः) 3.. अश्वस्थान पु. (अश्वस्य स्थानम्) सस्तनद-भव .
अस्वारूढ पु. (अश्व आरूढो येन) घोउसवार, घोडा अश्वहनु पु. (अश्वस्य हनुरिव हनुरस्य) ते नामना
64२४ना२. मे हान.
अश्वारोह पु. (अश्वमारोहति अश्व+आरुह+छ) अश्वहन्तृ पु. (अश्वं हन्ति हन्+तृच्) १२२.
ઘોડેસવાર, ઘોડા ઉપર સવારી કરનાર. अश्वहन्त त्रि. (अश्वं हन्ति हन्+तृच्) घोडानी नाश | अश्वारोहक प. (अश्व+अव+रुह+णिनि) १. घोडे धरना२.
यउ॥२, २. मासंधर्नु काउ.
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