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प्रथमकाण्डम्
जलवर्ग: ९ सहस्त्रदंष्ट्र पाठीनौ प्रौष्ठी तु शफरी द्वयोः । मद्रः शालराजीवी शकुलस्तिमिरोहितौ ॥३६॥ झषास्तिमिङ्गिलोऽन्येतु यादांसि जलजन्तवः ॥ शङ्ख शिशुमाराः स्यु स्तद्धेदे मकरादयः ॥३७॥ कच्छपः कमठः में कुलीरः" कर्कटः पुमान् ।
ग्राहे ऽवहारो नैक्रस्तु कुम्भीरेऽथ महीलता ॥३८॥ - हिन्दी-(१) मत्स्यवेधन यन्त्र के दो नाम-बडिश १ नपुं०, बडिशा २ स्त्री०। (२) जाल के दो नाम-आनाय १ पु०, जाल २ नपुं० । (३) मत्स्यों के सात नाम-मीन, १ वैसारिण २ झष ३ पृथुरोमन् ४ मत्स्य ५ विसार ६ शकलिन् ७ पु० । (४) बहुत दांत वालि मछलियों के दो नाम-सहस्रदंष्ट्र १ पाठीन १ पु० । (५) मत्स्य विशेष के दो नाम-प्रोष्ठी १ शफरी २ स्त्री पु० । (६) पृथक पृथक् एक एक मत्स्य जाति के नाम-मद्गुर १ शाल . २ राजीव ३ शकुल ४ तिमि ५ रोहित ६ तिमिङ्गिल पु० । (७) जलचर मात्र 'यादस्' १ बहुवचन नपुं०, जलजन्तु २ पुं नपुं० । (८) जलचर के अनेक भेद-शंकु १ उद्र २ शिशुमार ३ मकर ४ पु० । (९) कच्छप के तोन नाम-कच्छप १ कमठ २ कूर्म ३ पु० । (१०) केवड़ा के दो नाम-कुलीर १ कर्कट २ पु० । (११) ग्राह के दो नाम-ग्राह अवहार २ पुं० । (१२) मगर मच्छके दो नाम-नक्र १ कुम्भीर पु० । (१३) केंचुवा (अलसिया) ये जमीन पर चलने वाले लघु सर्पाकृति द्वीन्द्रिय कीट हैं इनके तीन . नाम-महीलता १ स्त्री०, गण्डूपद २ किंचुलुक ३ पु० ।
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