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द्वितीयकाण्डम्
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वंशवर्गः ८
आषाढी मवधिं मत्वा पञ्चादशदिन पञ्चमी ॥४१॥ संवत्सरी पर्युषण पर्वाऽन्तः शास्त्रसंमतः । इति वंशवर्गः समाप्तः
(१) आषाढो पूर्णिमा के दूसरे दिन से गिनने पर पचासवां दिन की पञ्चमी तिथि को 'संवत्सरी' हो ऐसा शास्त्र का पाठ है स्त्री०, समवायाङ्ग सूत्र में इसी दिन को पर्युषण का अन्तिम दिन मानते हैं ।
॥ ० ॥ इति वंशवर्गः समाप्तः ||०||
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