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द्वितीयकाण्डम् १३६ धान्यादिवर्गः ५
ओदें नोऽस्त्री भक्तमन्न मन्धोऽपि च नपुंसकम् ।३९। दोलिलीव्यजनं तु शाको लप्सी तु लप्सिका। निष्ठानं तेमनं 'चूर्ण क्षोदश्च वटिका वटी ॥४०॥ घार, वेशनं पिष्ट दालिकायां तु पिष्टिका । प्रातराशः कल्पजग्धिः "शष्कुली पुरिका पुरी ॥४१॥ समौ तु ग्रीस कवली ले हाँऽऽहारौ तु जेमनम् ।
स्याटुंदगिरणमुदगारः कचोरी"तु कचोरिका ॥४२॥ (१) ओदन के चार नाम-ओदन १ अस्त्री०, भक्त २, अन्न ३, अन्धस् ४ नपुं० । (२) दाल के दो नाम-दालि १, दाली स्त्री० । (३) व्यञ्जन के दो नाम ब्यञ्जन १, शाक २ पु० । (४) लापसी के दो नाम-लप्सी १, लप्सिका २ स्त्री० । (५) व्यञ्जन विशेष (कढी आदि) के दो नामनिष्ठान १, तेमन २ नपुं० । (६) आटे के दो नाम-चूर्ण १, क्षोद २ पु० । (७) वड़ी के दो नाम-वटिका १, वटी २, स्त्रो० । (८) वेशन के दो नाम-घारट्ट १ वेशन २ नपुं.। (९) दाल ढोकली के एक १ नाम-पिष्टिका १ स्त्री० (१०) प्रातः कालोक लघु भोजन के दो नाम-प्रातराश १ पुं०, १, पु०, कल्पजग्धि २ स्त्री० । (११) पुड़ी के तीन नाम-शष्कुली १ पुरिका ३ पुरी ३ स्त्री० । (१२) ग्रास के दो नाम ग्रास १, कवल २ पु० । (१३) भोजन के तीन नाम-लेह १, आहार २ पु०, जेमन ३ नपुं. । (१४) उद्गार के दो नाम-उद्गिरण १ नपुं०, उद्गार २ पु० । (१५) कचौरी के दो नाम-कचोरी १, कचोरिका २ स्त्रो० ।
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