________________
नानार्थोदयसागर कोष हिन्दी टीका सहित - कान्ता शब्द | ५७
हिन्दी टीका - कान्ता शब्द के और भी तीन अर्थ होते हैं - १. योषा (स्त्री) २. बृहदेली (बड़ी इलाइची) और ३. प्रियंगु पादप ( प्रियंगुलता नाम का वृक्ष विशेष ) । इस तरह कुल मिलाकर कान्ता शब्द के छह अर्थ समझना चाहिए। पुल्लिंग कान्तार शब्द के तोन अर्थ होते हैं - १. इक्षु भेद ( गन्ना विशेष ) २. वंश कुल, खानदान) और कुद्दाल पादप (कचनार नाम का वृक्ष) और पुल्लिंग नपुंसक उभयलिंगक कान्तार शब्द के भी तीन अर्थ होते हैं - १. बिल, २. दुःखगम्य मार्ग ( बीहड़ रास्ता ) और ३. महावन ( बड़ा जंगल) । कान्ति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. द्युति (दीप्ति, ज्योति वगैरह ) २. स्त्री शोभा (स्त्री का सौन्दर्य विशेष लावण्य) ३. दुर्गा (पार्वती) और ४. वांछन ( इच्छा) 1 इस प्रकार कान्तार शब्द के छह और कान्ति शब्द के चार अर्थ समझना चाहिये ।
मूल :
कामं रेतस्यनुमितौ निकामे काम्य बाढयोः । कामोऽभिलाषे कन्दर्पे काम्ये संकर्षणे पुमान् ॥ ३०५ ॥ कामिनी गाढकन्दर्प योषा - सामान्य योषितोः । मदिरा - वन्दयोर्दारु हरिद्रायामपि स्त्रियाम् ॥
३०६ ॥
हिन्दी टीका - नपुंसक काम शब्द के पाँच अर्थ होते हैं - १. रेतस् (वीर्य) २. अनुमिति ( अनुमान) ३. निकम (अत्यन्त ) ४. काम्य ( वांछनीय) और ५. बाढ ( बहुत अच्छा ) । किन्तु पुल्लिंग काम शब्द के चार अर्थ होते हैं - १. अभिलाषा (इच्छा) २. कन्दर्प (कामदेव ) ३. काम्य ( कमनीय वस्तु) और ४. संकर्षण (बलराम) । इस तरह कुल मिलाकर काम शब्द के नौ अर्थ जानना चाहिए । कामिनी शब्द स्त्रीलिंग हैं। और उसके छह अर्थ होते हैं - १. गाढ़ कन्दर्प योषा ( अत्यन्त काम वासना वाली स्त्री) २. सामान्य योषित (साधारण स्त्री) ३. मदिरा (शराब) ४. वन्दा ( वांदा-वाँझ, वृक्ष के ऊपर होने वाली लता विशेष जिसको वाँदी कहते हैं ।) ५. दारु (लकड़ी) और ६. हरिद्रा (हल्दी) । इस तरह कामिनी शब्द के छह अर्थ समझना ।
मूल :
कामी पारावते चन्द्रे कामुके चटके पुमान् । चक्रवाके सारसाख्य पक्षि- भेषजभेदयोः ॥ ३०७ ॥
Jain Education International
कायो मूलधने संघ प्राजापत्यविवाहयोः । स्वभावे ब्राह्म तीर्थे च मूर्तौ लक्ष्ये पुमान् स्मृतः ॥ ३०८ ॥
हिन्दी टीका - कामी शब्द पुल्लिंग है और उसके सात अर्थ होते हैं - १. पारावत ( कबूतर - पारेवा) २. चन्द्र (चन्द्रमा) ३. कामुक ( कामी पुरुष ) ४. चटक ( चकली - बगड़ा पक्षी) ५. चक्रवाक (चकवा पक्षी विशेष ) ६. सारसाख्य पक्षी (सारस पक्षी) और ७. भेषज भेद ( औषध विशेष, जिससे काम वासना बढ़ती है) । इस तरह कामी शब्द के सात अर्थ समझना चाहिए। काय शब्द पुल्लिंग है और उसके भी सात अर्थ होने हैं - १. मूलधन, २. संघ ( समुदाय) ३. प्राजापत्य विवाह ( प्राजापत्य नाम का विवाह ) ४. स्वभाव ( नेचर) ५. ब्राह्म तीर्थ (अंगुष्ठ और तर्जनी के मध्य भाग को ब्राह्मकायतीर्थ कहते हैं ) ६. मूर्ति, और ७. लक्ष्य (उद्देश्य) को भी काय कहते हैं । इस तरह काय शब्द के सात अर्थ समझना चाहिये ।
मूल :
कारो वधेतुषाराद्रौ निश्चयेबलियत्नयोः ।
पत्यौ तौ क्रियायां स्यादथ कारणमिन्द्रियो ॥ ३०६ ॥
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org